मानवता का व्यक्तित्व - शशिकांत एरी | Manavta Ka Vyaktitva - Shashikant Eri

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Manavta Ka Vyaktitva - Shashikant Eri by आशीष कुमार शुक्ल - Ashish Kumar Shukla

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

आशीष कुमार शुक्ल - Ashish Kumar Shukla

नाम- आशीष कुमार शुक्ल पुत्र श्री शोभा शंकर शुक्ल एवं श्रीमती हीरावती शुक्ला
जन्म – २१ - अगस्त – १९९०
जन्म स्थान - ग्राम - हरीपुर, पोस्ट- अभियां, जिला- भदोही
(२२१४०४) उत्तर प्रदेश

कार्यरत : (रसायन विभाग) डी.ए.वी. महाविद्यालय,
सेक्टर - १०. चंडीगढ़

आदर्श : प्रोफेसर के. एन. पाठक (पूर्व उप - कुलपति पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़)

Mobile No.: 9878 53 7472
E-mail - [email protected]

सलाहकार : मयंक भूषण पाण्डेय (डी.ए.वी.चंडीगढ़)

वह अपने दादा पंडित श्री चंद्रबली शुक्ल के साथ सदैव धार्मिक कहानी सुनकर समय व्यतित करते थे| कवि जी इस समय डीएवी महाविद्यालय, चंडीगढ़ में कार्यरत हैं। वह अपना आदर्श 

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रस्तावना समाज दिन - प्रतिदिन अपनी संस्कृति से ओझल होता जा रहा है, मानव तो यहां करोड़ो की संख्या में हैं लेकिन मानवता की संख्या बहुत ही कम है, लोग औरों के लिए नहीं सिर्फ अपने लिए जीना पसंद कर रहें है, हमारा भारतीय समाज जो सबके सुख दृ शान्ति की कामना करता था और सबके सुख में ही अपना सुख समझता था, वह लोग अब सीमित हो गए वह सिर्फ अपने ही सुख की मंगल कामना करते हैं, धर्म का चोला पहनकर घुमते कई लोग मिलेगें लेकिन धार्मिकता का आदर्श कुछ ही में मिलेगा। इन्ही सब पहलुओं को देखते हुए "मानवता का व्यक्तित्व शशीकांत ऐरी नामक जीवन प्रेरित पुस्तक आपके समक्ष आपकी प्रतिष्ठा में आपको समर्पित है। यह पुस्तक शशीकांत ऐरी जी के जीवन पर आधारित प्रेरणा स्रोत पुस्तक है जो व्यक्ति और व्यक्तित्व में अंतर को समझाते हुए मानवतावादी मार्ग को अग्रसित करती है। इस पुस्तक के शब्दों को पिरोने में सबसे बड़ा सहयोग शशी जी का है जिन्होंने मेरी सामाजिक जिज्ञासा को देखते हुए अपने रहस्यात्मक पल को मेरे समक्ष उजागर किया, और साथ ही में मैं डी.ए.वी. महाविद्यालय के बलजीत जी, संदीप जी, पवन व गरविंदर जी का धन्यवाद प्रकट करूंगा जिन्होंने




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