चीड़ों पर चाँदनी | Cheedon Par Chandni
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज़ :
13.23 MB
कुल पृष्ठ :
194
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटी है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)उनके कृतित्वके सम्बन्धमें शायद पूरी तरहसे आइवस्त नहीं । शीत-पुद्धका रुगण वातावरण एक महानू लेखकके इद-गिर्द कितना उपदासास्पद विरोधाभास निर्मित कर सकता हैं ब्रेस़्त इसके सजीव उदाहरण हैं । युद्धके उपरान्त उन्होंने पूर्वी जर्मनीमें रहना स्वीकार किया - यह एक़ ऐसा तथ्य हैं जो आज हमें बलिन-प्रइन की पृष्ठभूमि समझनेमें बहुत कुछ सहा- थक हो सकता हैं । १९४९में अपनी पत्नी हैलेन बेगेल जो खुद एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हू के संग ब्रेख़्तने पूर्वी-बलिनमें बलिन-एन्सेम्बल की स्थापना की । आज ब्रे्त जीवित नहीं हैं किन्तु हैठेन वेगेलके निर्देशनमें उनका जादुई-स्पर्श आज भी पूर्ववत्तु स्पत्दित होता है । आज यह अनहोनी-सी बात लगती है किन्तु उस रात जिस अजीब परिस्थितिमें हे वेंगेलसे मुलाक़ात हुई बह एक विचित्र अप्रत्याशित घटना थी । हम थिएटर - अपनी भागदौीड़के बावजूद - पन्द्रह-बीस मिनिट देर- से पहुंचे । इसका हमें खेद अवदय था किन्तु ज्यादा दुःख नहीं क्योंकि उस रात ब्रेख्तका नाटक फ़ियर ऐण्ड मिज़री आँव थर्ड रायख दिखाया जा रहा था । यह नाटक अनेक छोटे-छोटे नाट्य-खण्डोंसे संयोजित है जिसमें हिंटलर-जर्मनीका भयंकर वातावरण चित्रित हुआ है । हर नाट्य- खण्ड अपनेसें स्वतस्त्र हैं और उनका रसास्वादन हम पिछले खण्डोंको देखें बिना भी कर सकते हूँ । याद नहीं आता हम कौन-से टेटे-मेढ्रे रास्तों और गलियोंसे होते हुए वलिन-एन्सेम्बल पहुँचे । पूर्वी बलिनका यह भाग जहाँ थिएटर हैं बहुत उजड़ा-सा और वीरान दिखता हू । युरँंपके सबसे क्रान्तिकारी थिएटरकी इमारत इतनी सादी और साधारण होगी यह अपनेमें एक दिक्षाप्रद चीज़ थी । ब्रेच्तने अपने थिएटरके लिए स्वयं यह स्थान चुना था । चूक चीड़ोपर चाँदनी
User Reviews
No Reviews | Add Yours...