| Kalyaan
श्रेणी : धार्मिक / Religious, पौराणिक / Mythological
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
44.94 MB
कुल पष्ठ :
825
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)रू. यू्णंमदः पूर्णमिद यूर्णात् पूर्णमुदच्यले । मूगेस्य. पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ॥
वेशुवादनश्लीलाय गोपाठायाहिमर्दिने । काठिन्दीकूठठीठाय ठोलकुण्डलधारिणे ॥।
च्लवीनयनाम्भोजमालिने चत्यश्वालिने । नमः अरणतपाठाय श्रीकृष्णाय नमो नमः )।
संख्या १
वर्ष २३ गोरखपुर, सौर साथ २००५, जनवरी १९४९
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[| शरणागात
) यो न्रह्माण विद्धाति पूर्व यो वे वेदाधअ प्रहिणोति तस्मे । 1)
तर ६ देवमात्मचुद्धिमिकाशं श्रुमूक्षुवें शरणमहं अपये ॥
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। जिन. परमेश्ररमे ब्रह्माको सर्वप्रथम उत्पन्न किया ।
ण जिनने उनको अमित ज्ञानका आकर अपना वेद दिया ॥ श)
आत्मबुद्धिकि विमठ विकाशाक अखिछ विश्वमे रहे विराज |
मैं मुमुझ्ु उन परम देवकी शरण श्रदण करता हूँ आज ॥
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