हार | Haara

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Haara by श्रीयुत यादवेन्द्र सिंह : Shriyut Yadvendra Singh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मम्द एक परिचय इसी प्रकार चंदा ने झपने जीवन की बल्ति देकर सय्यांदा की रक्ा की ।. उसके पिताजी अफीम खाते थे ।. चंदा ही उसे रखती थी। - उसने एक ग्लास में शबंत बनाया प्रकाश का ध्यान कर पी गई । एक कारज़ पर कुछ लिखा । प्लेँग पर मुंह ढाप कर सो गई । फिर कभी न उठी । इन दो और किसी कदर ईसाई लड़की असी को छोड़कर शेष स्त्रियों के चरित्र बहुत संतोष-जनक नहीं हैं । प्रसा अपने पूवे पति की स्सति को सुलाकर प्रोफ़ेसर साहब के साथ चैन के दिन बिता रही थी । शीला महेंद्र को भूल कर प्रेमानर्द के साथ दााम्पत्य का. सुख लूट रही थी । चंद्रकला ने अपने पति की झनुपस्थिति में उसके सित्र सुरेश का गर्भ घारण किया ।. ज़ोहरा ने धीरेन्द्र को इसलाम म्रहण करने पर सजबूर किया । सरला बढ़ी इपॉलु प्रकृति की ख्री है। शांता की चंचलता ्ौर भोग लाजसा चरित्र के पलड़े में उसे हर्का कर देती है। किरण की पी ने उससे वे दानवी कार्य कराए जिससे रोंगटे खड़े हो जाते हैं । इंदिरा का कमला के हाथ में कठपुतली बन जाना उसे सुशोभित नहीं करता ।. नलिनी का भपने पति को छोड़ कर किशोर के घर जा बेठना उसे लोगों की नजरों से गिरा देता है । वीरेन्द्र की विमाता का लोगों के भड़काने से अपने पुत्र की नीयत पर हमला करना उसकी दुर्बद्धि का थोतक ऐ ।. पद्मा का शाचरण श्र मैनेजर के साथ उसका संबंध काफ़ी संदिग्ध मालूम होता है । ५9




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