गदर पार्टी का इतिहास | Gadar Party Ka Itihas

Gadar Party Ka Itihas by प्रीतम सिंह पंछी - Pritam Singh Panchhiबनारसीदास चतुर्वेदी - Banaarseedas Chaturvedi

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प्रीतम सिंह पंछी - Pritam Singh Panchhi

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बनारसी दास चतुर्वेदी - Banarasi Das Chaturvedi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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घटती जाएगी श्रौर उनके साथ ही बहुत-सा उपयोगी मसाला भी नष्ट ह्लोता जाएगा । जब से शहीदों के श्राद्ध-रूपी यज्ञ में कुछ भाग लेने का श्रवसर हमें मिला है कितने ही वयोवृद्ध सनिकों के जिन्होंने स्वाधोनता- संग्राम में उल्लेख-योग्य पार्ट श्रदा किया था दर्शन का सौभाग्य भी हमें प्राप्त हुम्रा है--लाला हुचुमन्तसहाय जी श्री लालचन्द फलक डॉ० खानखोजे श्री श्रमीरचन्द बम्बवाल श्रौर बाबा सुन्दरसिंह । इनके श्रतिरिक्त पं० सृन्दरलाल जी तथा पं० परमानन्द जी (मांसी) से तो हमारा बहुत वर्षों से परिचय रहा है श्रौर श्रद्धेय राजा महेष्द्रप्रताप जी से तो सच १९२३ से पत्र-व्यवहार भी । श्रादरणीय श्री जोगेश चटर्जी कई वर्ष से राज्य-सभा में हमारे साथ ही हैं। पिछली कान्फ्रन्स में जो वयोवृद्ध क्रान्तिकारी श्राए थे उनके भी दर्शन करने का श्रवसर हमें सिला था। इनकी बाद की पीढ़ी के कई क्रान्तिकारियों के भी हम कृपापात्र हैं यथा श्री मन्मथनाथ गुप्त श्री भगवानदास माहौर सदाशिव जी श्रो सुरेन्द्रनाथ पाण्डेय श्री विजयकमार सिन्हा शिव वर्मा तथा श्रीमती सुशीलामोहन श्रौर श्री सुशीला श्राजाद । हमें आशा थी कि पिछली कान्फ्रन्स के बाद ऐतिहासिक मसाला संग्रह करने का काम विधिवत्‌ प्रारम्भ हो सकेगा पर वह झ्राशा पूरां नहीं हुई । कुछ लोगों को यह भी उम्मीद थी कि शायद सरकार से इस विषय में कुछ झाधिक सहायता मिल जाय पर वह पुरी नहीं हुई । बहुत कुछ सोच-विचार के बाद हम तो इस परिणाम पर पहुँचे हैं किं हमें सरकारी मदद की प्रतीक्षा कदापि न करनी चाहिए । सभी सरकारें क्रान्ति-विरोधी होती हैं श्रौर वे यह नहीं चाहतीं कि किसी




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