होमियोपैथिक गाइड | Homeopathic Gaid

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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5 ्‌ हल जिर्हें विडित्सा जयत में मात्मा हैनोमैन के राम से भी जाना जाते हैं--का हो है। उनके बारे में संक्षिप्त बानकारी बागे दौ जा गा ला का प्रयास किया था रहा है कि दोमियोपैयों के अलावर भी आगे चलकर अन्य 'दूंश चिकित्सा पद्तियाँ प्रकाश में आयों । की शिष्क हा० हेनोमेंन के सैकड़ों शिष्य थे । उनके अनेक अमेरिकी चिष्यों मे आगे चलकर चिकित्सा विज्ञान में भये-नयें प्रयोग कियेय न डा० दैनीवेन द्वारा प्रतिपादित सदृश चिकिटिपा के सिदधास्तों पर ही डा० शिशुकर द्वारा बायोकमिकल चिकित्सा ढा० जोस्टेडर द्वारा 'एण्टीटॉक्सिन”--डा« राइट द्वारा , साप्योनिन' हथा डा ० स्तिष्टन द्वारा गा टॉनिक, प्लाज्मा' आदि विक्ट्ता पड़तियों का बाविष्क्ार शिया यया । मूलतः उतल्वबकों महात्मा हैनोयेंन की हो देन समता चाहिमे। होमिंयोप॑यी के जन्मदाता कौन थे ? _ “होपियोपयों खिकित्सा ह जन्मदाता डा० ्रिश्चियन इरिक' से मुअल, हैनी मेन हैं, इसे पहुले बताया जा चुरा है। मैं इनका जन्म 10 अप्रैल 1955 ई० को जमेंनी के सेवन राज्य के मेसेत नामक नगर में हुआ था । उनके पिता एक निधेन ब्यस्ति ये-वे सिट्री के बर्तन ग्रे करने दाले एक कारखाने में चित्रकारी का काम करते थे। 'दैनोमन परिवार की बरीदी का अनुमान इसी से झगाया 'डा सकता है कि रात्रि में बधययन के लिये हुनोमेन जिस मिट्री के दीपक को जलाते थे, उन्होंने मपने ही हाथो से तैवार किया था। ० बोस वर्ष की झायु तक हैनीमंन मैसेव के एक हो विधालय में अध्ययन करते रहे, तहपश्चातु उन्होंने लिपजिब मेगर में जाकर विदा बच्ययन रिया । इवपन से ही वे बढ़े कुशाय्र वृद्धि के ये ।




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