रोगी परिचर्या | Rogi Paricharya

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : रोगी परिचर्या - Rogi Paricharya

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अज्ञात - Unknown

Add Infomation AboutUnknown

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
२६ रोगी परिचर्या क्या नहीं खाना--चने, मोठ, श्ररहर रोगी, राजमाप, सत्तू, जी, एव समस्त रुखे भोजन । ठडे पदार्थ--लस्सी, बवंत, द्िकजवी, वर्फ से ठढें किए पेय पदार्थ । श्रादि । कया नहीं करना --मल मूत्रादि उपस्थित वेगो का रोकना, शीतल जल, से स्नान या ठडे पानी मे प्रवेश करके नदी तालाव आदि का स्नान नहीं करना, रात्री जागरण, चिन्ता, क्रोघ, भय, शक्ति से श्रघिक चलना, हाथी, घोडे, ऊंट श्रादि की सवारी, स्त्री सेवन, उपवास करना या देर से वने ठड़े भोजन करना भ्रथवा भूखे रहना या नाम मात्र का मोजन करना श्रादि हितकर नही होता । क्या करना --प्रतिदिन मीठे तेल की मालिश दारीर पर करना, गरम जल से स्नान करना, प्रतिदिन शरीर को सम्वाहन (दवाना, मुट्ठी चापी) भोजन काल मे उण्णतायुक्त भोजन करना, भोजन के साथ उण्णजल सेवन, समय 'बिताने के लिए मित्र-मडल एवं प्रियजनों मे बैठकर हास्य विनोद श्रादि से मन को '्रसनन करना, चिन्ता भयादि का सर्वथा परित्याग करना, वात-व्याघि के रोगियों के लिए सुन्दर मार्ग है । १४ प्रासवात (पाबए्ाएवधए) --गठिया, जोडों की दर्द । यह रोग प्राय उन्हें ही होता है जो आहार-विहार श्रौर सयम का पालन नहीं करते 'एवं खाने-पीने के लोभी होते हैं । शरीर में जत्र इस रोग के उत्पन्न करने की प्रवृत्ति वन जाती है तब श्रारम्म मे तो इसे रोका जा सकता है। श्रन्यथा प्रबलावस्था मे इसका तुरन्त रुकना वहुत कठिन हो जाता है। यह एक भयकर रोग है । इसके प्रमाव से हृदय, मस्तिष्क, वुक्क, मास- 'पेदियो श्रौर नाडियो के श्रन्य झ्नेक रोग हो जाते हैं। जैसे-जैसे यह पुराना होता जाता है वंसे-वसे यह गौट श्रौर श्रार्थोराइटस के रूप मे बदलता जाता है। गठिया के रोगी को स्वंदा ही सावधान रहना चाहिए । कारण कि कसी भी इसका भ्रचानक दौरा हो सकता है । क्या खाना --मूंग, मसूर, घना, कुलथी, श्ररहर की दाल, मोठ, समय-समय पर खाए जा सकते हैं । गेहू, जो, चावल, मकई का श्राटा घी । घिया, टिंडा, दर करेला, परवल, पालक का साग, जिमीकन्द, लहसून, प्याज, हींग, सोठ, गरम रच मसाला भी खाया आम कि की दीं है। फलो मे सेव, मीठा ; खजूर, क्या नहीं खाना--गुड, दूध, दही, लस्सी, शर्वत, वासी भोजन, माँस,




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now