संसार के महान राष्ट्र निर्माता | Sansar Ke Mahan Rastra Nirmata
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6.9 MB
कुल पष्ठ :
224
श्रेणी :
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No Information available about पं. शंकर लाल तिवारी - Pt. Shankar Lal Tiwari
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)२१
को तार से सूचित डिया कि अगर ज़ार छूटकर निकछ भागेगा तो तुर्म्हे
फाली दे दी जावेगी । इसलिए इकेटरिनिवग की प्रजातस्त्रीय सरकार ने
राजपरिचार सहित ज़ार को खतम कर देने का हुक्मनामा ध्ुरावस्की
को भेज दिया ।
युरावस्की ढीक एक बजे रात को जार के कमरे में पहुँचा श्रोर उन्हें
जगाकर कहा--'“संभव है, जेक लोग भापके छुड़ाने के प्रयत्न में यहाँ
आकर यो छियाँ चलाने लगें । और कहां गोछी ज्ञककर इधर झा गईं
तो भाप लोगों का झनिष्ट निश्चित है । भत: नीचे वाले कमरे में चलना
दीक होगा । इसी तरह जार की चारों पुन्रियाँ भी नीचे वाने कमरे में
छाई गहं। साथ में बबर्ची-दासी शोर हाक्टर सहित कुछ ११ प्राणी
नीचे के कमरे में उपस्थित किये गए । ज़ार को शभी तक भपनी अंतिम
घड़ियों की खबर नहीं थी । चहद भपने साधारण कपड़े पहिनकर थुरा-
चस्की के साध नीचे चला भाया । सब एक कतार में खड़े कर दिये
गये । उनके सामने बोछशेविक सिपाही भरी हुई बन्टूकों के साथ उप-
स्थित हुए । जरीना की छोटी पुन्नी इस समय श्रपनी माता की. डगली
पकड़े चारो भोर देख रही थी। जार की पहली लड़की २१ वर्ष की
थी। इंगलैगड की साथाज्ञी बनने की इसे पुरी झाशा थी । छोडी
छढ़की टेम्सिया १७ वर्ष की थी । ये दोनों बहिने झपनी भपूव सुन्दरता
के लिये संसार में प्रसिद्ध थीं । इन दोनों को बड़ी ही शोचनीय
सत्यु हुईं । ः
कमरे में पुरी शांति थी । परन्तु भयंकरता ने अपना साम्राज्य जमा
लिया था | ध्रावस्की और उसके साथियों ने अपने-अपने पिस्तौक
श्
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