कवीन्द्रकल्पलता | Kavindrakalpalata

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Kavindrakalpalata by रानी लक्ष्मीकुमारी जी - Rani Laxmikumari Ji

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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राजस्थान पुरातन ग्रन्थमाला के कुछ ग्रन्थ प्रकाशित ग्न्थ संस्क्रत भाषा ग्रन्थ-- १. प्रमाशमज्जरो-ताकिक चूडामणि सर्वदेवाचार्य, मूल्य ६००॥ ३, यत्तराज रचना-महाराजा सवाई जयसिंह मूल्य १९७५॥ ३. महर्दिवुलवेभवम्‌-स्व ० श्री मधुमूदत भोक्ा मूल्य १० ७५) ४, तकंसग्रह-प० क्षमाकल्याण मूल्य ३९००३ ४« कारकसवधोद्योत-प० रभसनन्दि मूल्य १९७५॥ ६, वृलिदीपिका-प० मौनिहप्ण मूल्य २०० । ७ दाब्दरत्नप्रदीप मूल्य २०० । ८. इृप्णगीति-कवि सोमनाथ मूल्य १९७५॥ ६ शज्जारहा- रावलि-हर्प कवि मुल्य २७५। १०. चञ्रपारिविजयमहाकाब्यं-पं० लक्ष्मीधर भट्ट मूल्य ३४० । ११. राजविनोद- कवि उदयराज मू० २'२५॥ १२. नृत्तसंग्रह मूल्य १९७५। १३५ नृत्यसत्नकोश, प्रथम भाग-महाराणा कुमा मूल्य ३१७५॥ १४, उक्तिरत्वाकर-पं० साधुसुन्दर गरिए मूल्य ४.७५। १५४५, दुर्गापुष्पाजलि-प० दुर्गाप्रसाद द्विवेदी मूल्य ४२५ । १६, कर्ण- बुतूहल तथा कृष्णलीज्ञामृत-मोलानाय मूल्य १९५०। १७. ईश्वर विलास महाकाव्य, श्रीकृष्ण भट्ट, मूल्य ११,५०। राजस्थानी ओर हिन्दी भाषा प्रन्थ -१. कान्हड़दे प्रवन्ध-कवि पद्यताम मूल्य १२ २५। २. क्यामखारासा-कवि जान मूल्य ४.७५। ३. लावारासा-गोपालदान मूल्य ३.७४॥ ४. वाकीदासरी रूयात-महाकवि वाकीदास मू० ५*५०। ४५. राजस्थानी साहित्यसग्रहे भाग १, मूल्य २२५। ६. जुगल-विलास-कवि पीयल मूल्य १.७५। ७, कवीन्द्रकापलता- ऋवी द्राचार्य मूल्य २ ००1 प्रेसों में छप रहे ग्रन्थ संस्कृत भापा अन्थ--१. तिंपुरा भारती सघुस्‍्तव-लघुपडित॥ २ शकुनप्रदीप” लावण्य शर्मा। ३. करुणामृतप्रपा-ठक्कुर सोमेश्वर। ४, बालशिक्षा ध्याकरण-व्कुर सग्राम- सिंह । ५. पदार्थरत्नमज्जूपा, १० कृष्णमिश्न | ६. काब्यप्रकाश सकेत-मभट्ट सोमेश्वर । ७. बसस्त- बिलास फागु। ८. मृत्यरत्वकोश भाग २। ६. नन्‍्दोपास्यात । १०, रत्नकोश | ११, चार्द्रब्या- करण | १२- स्वयभू छद-स्वयभू कवि । १३. प्राकृतानद-कवि रघुनाथ। १४. मुग्धावबोध झ्ादि ऑऔक्तिक सग्रह । १५. कविकोस्तुम-प० रघुनाथ मनोहर । १६. दशकप्ठवधम्‌-प० दुर्गाप्रसाद । १७ पद्ममुक्तावलो-कवि कृष्ण भट्ट । १८. रसदीधिका-विद्या राम भट्ट । राजस्थानी ओर हिल्दी भाधपाप्रन्थ--१- ग्रुहृता नैणसीरी स्थात-मुहता चैश॒सी | २. गोराबादल पदमिणी चऊपई-कवि हेमरतन १ ३ राठोड बशरी विगत आदि वार्ताएँ। ४, सुजान सवत-कवि उदयराम। ५. चन्द्रवशावली-कवि मोतीराम। ६. राजस्थानी दूहा सम्रह 1 ७. वीरवाण-ढाढी बादर 1 इन ग्रस्थोके अतिरिक्त भनेकानेक सस्कृत, प्राकृत, भ्रपश्नश, प्राचीन राजस्थानी भौर हिन्दी भाषा मे रचे गये प्रस्योका सशोधन झोर सम्पादन किया जा रहा है ।




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