चतुर्थस्तुतिनिर्णय | Chaturth Stuti Nirnay

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Chaturth Stuti Nirnay by श्री आत्माराम जी - Sri Aatmaram Ji

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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॥ आऔजेनवर्मों जयतितरास्‌ ॥ चखअय न्यायांनोनिधि-मुनिश्रीमद “ आत्मारामजी आनंद विज्ञयजी ” विरचित- चतुर्थ स्तुति निर्णयाख्य ग्रंथ प्रारंनः ॥ >ौ-+++> 9 ८--++ तत्रादो मंगलप्रकमः | ( अजुष्ठपूढतम्‌ ) नमः श्रीक्षातपुत्राय, मढ़ावीराय ओयसे ॥ रत्नत्रयनिधानाय, जिनेंछाय जगदिदे ॥?श॥ ( ईंडवजादचम्‌ ) अ्रन्यानपि स्तोमि जिनेधचंडान , ध्यायामि साक्काहृतदेवतां चा रव्नत्रयश्रीसमलंझुतांगान्‌ , प्रार व्यसिद्ये सुसरून श्रयामि ॥ ए्‌ ॥ शिश्टाः खल्न क्विदर्नीएवस्तुनि प्व्तमाना 5एदेव तानमस्कारपूर्वकमेव प्रायः पवर्तते | ईएदेवतानम




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