निरयावलिका सूत्रम् | Niriyavalika Sutram

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Niriyavalika Sutram by घासीलाल जी महाराज - Ghasilal Ji Maharaj

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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दर क्रमाड विपय ३० ३१ ३२ कूणिकराजके जन्मका और कुमारक्ों निमनस्थलमें छोड नेका २३ ३४ ३5५ श्६ ३७ दोहदकी पूत्ति करनेके विपयमें अ्रणिकराजका वर्णन दोहद पूर्तिके पीछे गभधारण त्रिपयमें चेछनादेवीका वर्णन चेलनादेवीकी आज्ञा और अणिकराजाका उपाल्म्भका वर्णन कृणिकके त्यागादि और नामकरणका वर्णन श्रेणिकका बन्धन और कूणिकके राज्याभिषेक्रका वर्णन श्रेगिफ़राजके वात्सल्थता परिचयका वणन श्रणिकतनके मरणादिका वर्णन कुणिकराज, श्रेणिकराजके मारण के कारणहोनेका वर्णन ३८ बेंहल्यकुमारकी गन्धहस्तीसे क्रीडा ३९ चेटकराज और कूणिकराजका दूत द्वारा संवाद ९० ४१ ७२ ४३ ४४ ४५ ४६ ७७ ८ धे९्‌ ५० ५१ ५२ ही ५७ ५५ ५६ ५७ कूृणिककी कीछादि कछुमारों से मंत्रणा कौटुम्बिक पुरुषोंसे ऋणिक राजकी आज्ञा कणिक और चेटकके युद्धोद्योगका वर्णन सुकालकुमारका वर्णन पक्चकुमारका वर्णन पद्अनगा रका वणन पृष्ठ. ९५-१०४ १०७-१०७ १०७-११२ ११२-६१६१५ ११६-११८ ११९-१२० १२०-१२८ ११२९-१३ ५ १३६-१४४ १४५-१५६ १४५७-१ ६२ १५६२-१६४ १६५-१७५ २१७६-१७८ १७८-६८२ १८२-१८७ भद्गकुमारादि आठ कुमारोंका दर्णन और भद्रादि देचोंको स्थिति १८६-१९१ चन्द्रदेवके पृवभवका वणन चन्द्रदेवका वर्णन अज्ञति गाथापतिका वणन सोमिल ब्राह्मणका वर्णन बहुपुत्निका देवीका वर्णन पूर्णभद्रदेवका वर्णन मणिभद्रदेवका वर्णन श्रीदेदीका वर्णन निपधकुमारका वर्णन मायानि आदिका वर्णन शास्रप्रशस्ति १९२-१९४ १९५७५-१९८ १६९-२३२ २३३-१५६ २०७-११४ ३१४-३ ९९ ३२१०-३२२ शरे२३-३३९ ३४०-३६८ 2४१-३७० ३७१-३७४




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