पशु योग और उपचार | Pashu Rog Aur Upchar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
186
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)२१
इनमें सौ ग्राम वाला नमक, 4० ग्राम छोटी हैड, लहसायया हीय दस ग्राम,
डन सबको एक जगह मिल कर पीसकर चटनी बनालो | इस चढनी को चीनी
या मिट्टी क बतन मे रक्तें।
खुराय--ह० ग्राम योनी घी में ५० ग्राम चटती मिलाकर २४ घाटे मे
एक बार घटा दे । जगर योनी घी नहीं मिलता, तो ३० ग्राम गुलकाद में
मिलावर ५० ग्राम चटगी चटा द 1
(३) मवेशी कपड़े आदि खाने पर अफारा आ जाता है । इसमें ऊपर लिखा
छाम का साडा दवे ।
४७-धसका (खासी )
घमका, पट की ख“पबी, मैल मे जान पर, जोर पडने पर हाता है ।
घसवा--(१) जो मवेशी जोर १डने पर झटका खा जाता है तथा पानी
पीकर ठड लगते पर खून ठाती पर जम जाता । उस पशु का जाग का हिस्सा
क्राला पड जाता है तथा घसकता रहता है ।
उपचार--( १३) मुर्दे व हड्डी, भस्मी र॑ट किलो ।
(२) गुलावी फ्टकी. ऋऊ॑ई क्क्लो।
(३) डडे का नोसादर 5८5 ५० ग्राम ।
इनको एक जगह पीस लो, २५ ग्राम सुबह तथा २४ ग्राम साम, ताजे
पानी के साथ ताल से दंवे । यह दवाई नो दिन को है। नौ दिन के बाद
दूसरी दवाई बदली जाएगी। जा निम्न है--
(१) मितावर >> किलो |
(२) अम्बा हल््ही 55 ४०० ग्राम 1
६३) नीवा माली न्5 ४० ग्राम ।
(४) पाहरर मूल > # ग्राम ।
दग शायदा एच साथ सूट फर, एक डिना दूध, २५० ग्राम मिला वर,
घुद्दी त्वाइया मे स १० ग्राम मिला कर उबाल । पानी-पानी नष्ट हो जाने पर
उसे उतार । ठडा करो ,पर ५० ग्राम शहद डालकर, २४ घटे में एक बार,
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