पशु योग और उपचार | Pashu Rog Aur Upchar

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Pashu Rog Aur Upchar by लोटन सिंह - Lotan Singh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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२१ इनमें सौ ग्राम वाला नमक, 4० ग्राम छोटी हैड, लहसायया हीय दस ग्राम, डन सबको एक जगह मिल कर पीसकर चटनी बनालो | इस चढनी को चीनी या मिट्टी क बतन मे रक्‍तें। खुराय--ह० ग्राम योनी घी में ५० ग्राम चटती मिलाकर २४ घाटे मे एक बार घटा दे । जगर योनी घी नहीं मिलता, तो ३० ग्राम गुलकाद में मिलावर ५० ग्राम चटगी चटा द 1 (३) मवेशी कपड़े आदि खाने पर अफारा आ जाता है । इसमें ऊपर लिखा छाम का साडा दवे । ४७-धसका (खासी ) घमका, पट की ख“पबी, मैल मे जान पर, जोर पडने पर हाता है । घसवा--(१) जो मवेशी जोर १डने पर झटका खा जाता है तथा पानी पीकर ठड लगते पर खून ठाती पर जम जाता । उस पशु का जाग का हिस्सा क्राला पड जाता है तथा घसकता रहता है । उपचार--( १३) मुर्दे व हड्डी, भस्मी र॑ट किलो । (२) गुलावी फ्टकी. ऋऊ॑ई क्‍क्लो। (३) डडे का नोसादर 5८5 ५० ग्राम । इनको एक जगह पीस लो, २५ ग्राम सुबह तथा २४ ग्राम साम, ताजे पानी के साथ ताल से दंवे । यह दवाई नो दिन को है। नौ दिन के बाद दूसरी दवाई बदली जाएगी। जा निम्न है-- (१) मितावर >> किलो | (२) अम्बा हल्‍्ही 55 ४०० ग्राम 1 ६३) नीवा माली न्‍5 ४० ग्राम । (४) पाहरर मूल > # ग्राम । दग शायदा एच साथ सूट फर, एक डिना दूध, २५० ग्राम मिला वर, घुद्दी त्वाइया मे स १० ग्राम मिला कर उबाल । पानी-पानी नष्ट हो जाने पर उसे उतार । ठडा करो ,पर ५० ग्राम शहद डालकर, २४ घटे में एक बार,




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