इन्द्रप्रस्थप्रबन्ध | Indraprasthaprabandh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
64
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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कुवागोविन्द्चदाख्य चर्षेक राज्यकृच्छुम' (१००) |
सप्तर्विंश रुप: श्रीमान भोक्ष्यति योगिनीपुर ॥ ३८ ॥
हरपरमर्पस्तन्न सप्तवपेमासपेंचकः ।
पोडदो दिचसे (७७४१६) मोध्पति शाक्रपथके ॥ ३९ ॥
गोविन्दपरमी नास वर्षदविद्वस्धिमासकः ।
दिनिसप्तद्दास्तत्न (२०११७) राज्य 'मोध्ष्यत्रि भूपतिः ॥ ४० |)
भवपरमनामेन तिथिवत्सरराज्यकूत् ।
माससप्तघ्नतिदिन (१७७१८) चिंशमो रूप सोक्ष्यति ॥ ४१॥
महापरमराजेन्द्र पड़वपंमाससप्तकः ।
एकोनत्रिंगदिवसा (8५२९) भोध्यति एकन्रिंदाक' ॥ ४२॥
नयसेनधृतिवपमासपचदिनद्धर्थ (१८/७1२) ।
मोक्त्यति छोकछत्रेण द्वार्विशतमभूपतिः ॥ ४३ ॥
मलाल्सेनेद्पति। वर्षाकेमाससागर ।
दिद्नि (१३४२) सोक्ष्यते राज्य त्रयत्रिदात्तमों रपई ॥ ४४ ॥
कपूरसेननपति; तिथिवत्सरसज्ञकः । प
सप्तमासठच छिद्िन (१०७२) भोक्ष्यत्ते राज्य मेदिनी ॥ ४५॥
मघुसेनमहीपाल इदावपंन्रिमासकः ।
श्रयोदशदिन (११५१३) श्रेव छोकछत्नाणि भोक्ष्यते ॥ ४६ ॥
देवतेनमहीपाल चविंगवर्षेकमासऊः | -
नक्षत्दिवसस्ततन्न (२०१२७) 'मोक्ष्यते मेदिनी वरा ॥ ४७ ॥
शुभसेन पचयपे नवाहा दशमासक (०११०९) |»,
उच्ची च मोफ्यते राजा सप्तर्तिंदा उपोत्तम; ॥ ४८ ॥
नुपजुगपालसेनारूय वेदवर्षाष्टमासकः ।
एकरविशदिन (४८२१) सोक्ष्य पृथ्वी छत्रिदूपति, ॥ ४९॥
हरसेननुपस्तन्न चपेढादठसज्ञक-
पचर्विशतिदिना (१२०२०) स्ततन्न होकछत्रेण सोध्ष्यते ॥ ५० ॥
१ पम्रलीलसेन (स्व)
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