पहिए खिलेंगे गंधवाही फूल | Phir Khilege Gandh Vahi Pool
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
501 KB
कुल पष्ठ :
90
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शक्ति ही सर्वयुगीन है
पत्थर तो केवल पत्थर है
जड़
अचेतन
निर्मत, निर्वाक्
पर, उसकी कठोरता ही
उसकी
देह का गुणात्मक विस्तार है
अस्तित्व का आधार है
प्रतीक है सजीवता का।
कठोरता ऐसी कि सह ले
प्राणवान छैनी की पैनी
धाराधार चोट
ताकि
तराशी जा सके
एक स्वप्रिल आकृति
भव्य और मनोहर।
वही पत्थर
शक्ति सम्पन्न कीर्तिमान है
पत्थरत्व की शान है
आत्म केच्द्रस्थ सर्वयुगीन है।. ०
हा
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