पहिए खिलेंगे गंधवाही फूल | Phir Khilege Gandh Vahi Pool

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Book Image : पहिए खिलेंगे गंधवाही फूल  - Phir Khilege Gandh Vahi Pool

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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शक्ति ही सर्वयुगीन है पत्थर तो केवल पत्थर है जड़ अचेतन निर्मत, निर्वाक्‌ पर, उसकी कठोरता ही उसकी देह का गुणात्मक विस्तार है अस्तित्व का आधार है प्रतीक है सजीवता का। कठोरता ऐसी कि सह ले प्राणवान छैनी की पैनी धाराधार चोट ताकि तराशी जा सके एक स्वप्रिल आकृति भव्य और मनोहर। वही पत्थर शक्ति सम्पन्न कीर्तिमान है पत्थरत्व की शान है आत्म केच्द्रस्थ सर्वयुगीन है।. ० हा | 23




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