सचित्र महाभारत भाषा - टीका भाग - 5 | Sachitra Mahabharat Bhasha Tika Bhag - 5
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14 MB
कुल पष्ठ :
531
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विषयानुक्रमणिका ।
अध्याय विषय प््ष्ठ
| अध्याय
विषय * पृष्ठ
११०, ऋष्यश्वग के उपाझ्यान का आरम्म १९७३-१९८०
१११,बेश्या आर ऋषिकुमार ऋष्यश्रृज्ञ की
बातचीत | १०८०-१९८३
११२, ऋष्यशृज्ञ और विमाण्डक ऋषि
की बातचीत 1 १९८३-१९८६
११३, ऋष्यशक् का लोगपाद राजा के
ग़ज्य में जाना । १०८६-१९९० |
११४, पाण्डवों का अन्य अनेक तीर्थोंकी
यात्रा करना । १९९०-१९९१४
११५ पाशुरामजी के उपाएयानका जारम्म १९९४-२०००
११६, परशुगमका पिताकी आश्ञाप्ते अपनी
माता रेणुका को मार डालना | २००१-२००३
११७. परशुरागजी का क्षात्रियकुछ को नष्ट
काना | २००४-३००६
११८, पाण्डवों का प्रभास त्तीर्थ फो जाना
आर वहा फ्ृष्ण-बल्देव से भेंट होना २००६-२००९
११०, बलदेवजी की बातचीत । २००२-२०१२
१२०. साध्यडी, श्रीकृप्ण और युपिप्ठिर
को बातचीत ।
१२१. राजा नृग का उपरयान |
१३३, च्यचन ऋषि का उपाख्यान ।
१२३. मर्टाँ च्ययन का युशवम्या को
प्राप्त होना ।
१३४. च्ययन ऋषि का इन्द्र के द्वाथ को
निडम्मा कर देना ।
१२५, इन्द्र की प्रार्थना से टन पर मुनि
| प्रक्तत् होना ।
२०१३-२०१७
२०१८ २०२१
२०२१-२०२४
दुण्ग जल्द कद ८
२०२८ २०३१
२०२१-२०३४
१२६, राजा मान्धाता का उपास्यान | २०३७०-२०४०
१२७ सोमक राजा का उपारयान | ३०४०-१०४३
१२८. राजा सोमक की गुरुभक्ति का चर्णन २०४३ ०२०१४ ६
१२९, पाण्डबों का अनेक तीर्थों की
यात्रा करना | २०४६-२०४०
१३०. अनेक तीथों के माहात्म्य का कीतन
आर उद्यीनर राजा के उपाख्यान
का आरम्भ । २०४९-२०५२
१३१, ग्राम और राजा उश्लीनरक्रा सवाद | ३२०५३ २०५७
५६३२. अष्टाबक्र ऋषि का उपाह्यान | २०५७ २०६०
१३३ द्वाप्पाल और अष्टावक्र का सचाद। २०६१ २०६५
१३४. अष्टावक्र और बन्दी का संवाद | २०६५-२०७१
१३५, यवक्रीत के उपारयान का आरम्भ 1 २०७२-२०७०,
१३१६, यवक्रीत की मृत्यु 1 २०८० २०८२
१३७, भरद्वाजका बिलाप और प्राणस्याग 1 २०८२-२०८५
१३८, रैम्य की मृत्यु । रेम्य, मरद्वाज और
यवक्लीत का फिर जी उठना ।
१३९, गद्नाजी की स्तुति और मन्दराचल
में प्रथश करने की कल्पना करता | २०८०-२ ००१
१४०. गन्धमादन पर्वत पर जाना | सीममेन
और युधिष्ठिर की बातचीत ।
१४१, युभिष्ठिर का अजजुन के लिए सन््ताप
र०८ट्५-२०८८
रण्पए-रग्प५
क्ष्स्ना | र्००७-२००८
१०२. नरक्ासुर का उपाग्यान और बराह
अवतार का वर्णन | २००९-२१०६
१०३. पाण्टवो का आधी मे विकल् द्वोना 1 २१ ०७-२ १००,
१४४. द्रीपदी के मोदित दाने पर युपिष्ठिर
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