श्री प्रश्न व्याकरण सूत्र | Shri Prashan Vyakaran Sutra
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
13 MB
कुल पष्ठ :
486
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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शाम्द् कोप सिखवामा गया। स्मायर चाउुर्मास में विक्षो विराशमान उपाध्याय रुदि
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मक्ति सम्पन्न भीमान् शेठ दृश्ठिमहाली छुराणा ने अपने भमिप्राय प्रकट दिए छि
इस चाठुर्मास की रछृतिका अमिट वनानेफ किए पृम्यत्ी को कोई कृति मिश्र तो एम
प्रकाशित करू । भातुर्मास पूरा धोने पर झ्राया या, फिर मी दुगों प्रेस क्रममेर में
सुद्रय फा कार्य ध्रास्म्म झिय्रा गया, किस्धु एक तो प्रेस में ठाइप की फसी थी बूसर
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अशुद्धियां रद साने के कारण कार्य को रोक दिया गया। कं
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माहरुप्पुमें ऋजमर आकर मैने उसदटी धुरानी रशक्॒शाको जोहकर फायेवाहदी प्रारम्म
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कम स्तोप नहीं ! विशेष विश्लेपय्ष तो नीरक्तीरविबंकी बिश्ञ पावर ही #रेंगे।
अस्त में इस अपन फ़पझठु पाठऊों को पिना किसी संकोच के यह बठलाने को
अस्थुत हैं कि इस पुस्तक की सारी अच्छाइयों का एकमात्र भेर परम प्रह्रापी पूष्य
मी का है हपा इसकी घुटियों तबा अस्ठस्पस््तता आदि समस्त दोपों का एक मात्र
प्य प्रबन्धक और संशापक दोने क लात मुझ पर और रा रूप में हु्गों प्रेस के
अर्यकशणुर शीराकाबरों पर भी हैं, शितक सइयोग से-शुटियों की मात्रा चाइते हुए
सी कम गई हो पायी । पक्की
सुमे इर ठरइ का सइयोग देकर म॑री प्रधन्धकता को काय्रम रक्षनेषाप्त खार
हृत॒प छरूस भी जीठमणजी प्राणा व भो ध्मरायमझजी साइब ढड्टा अजमेर को
मैं नहीं मृत सकता | साम दी दुर्गोप्रेस छ ब॒मठ मैनअर थायू भूपेन्दरसिदशी का
अाभार-मानवा ही पढ़ेगा सिन्होंने रात दिस पद बनाकर नियत समय पर इस
दिशाक कार्य को पूरा किया। शिवमिति।
प्रार्बी--
शशिकान्त झा “शास्त्री” ब्या शा
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