हिंदी बोद - ४ | Hindi Bod-4
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.85 MB
कुल पष्ठ :
196
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(१ हे )
कहने
रेल से लेते तनिक ने काम ।
नहीं मोटर का लेते नाम ॥
चाहते नहीं. हवाई-यान ।
नाव पर ही घस तम्दू तान !|
धूपने को हम जाते हैं।
घूमकर वापस झाते हैं ॥
नाव गदरे जल पर जिस काल ।
संपल चलती है ढगमग -चाल ॥
झा ! करती तब, खूब कमाल !
देखते ही बनता हैं दाल ॥
कभी वह दा लगाती है।
झजी माटर दन जाती है ॥
चलाते माँकी डॉइ सुधार ।
एक दी साथ, अनेकों बार ॥।
डॉइ दिखने ज्यां पंख पसार ।
चह्दी जाती चिड़िया जलधार ॥।
नाव चिड़िया बन जाती ह
और उढती-सो जानी 7 ।!
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