सचित्र श्रीदुर्गासप्तशती | Sachitra Shreedurgasaptshati
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
254
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)$ दुस्या' कयाम 1
इस्तांदेष्डिनी रकेदम्पिका चाद्ुुलीपु च।
नलाम्छृकेश्री . रपेत्हपोा. रक्षेत्डलेघरी ॥ २८॥
रूनी र्षेन्म्हादेनी मनः शोकषिनाप्चिनी |
हंदये ललिता देवी ठदरे श्लधारिणी॥ २९॥
नाभौ चर कामिनी रघ॑ंद् गुल गुझंश्वरी तथा |
पूतना क्ामिफा मेड गुदे महिप्राश्नी॥ ३०॥
फर्म भगवती रक्षेजानुनी विन्ण्यधासिनी |
चढ़े मइामला रेस्सेकामप्रदामिनी ॥ २१॥
गुल्फमारनारसिंडी घर पादपष्ठे त॒॒ तैजसी।
पादाद्बलुलीपू भी रकस्पादाघस्तसधासिनी ॥ २२ ॥
नस्पान् दष्ठाकराडी भर कश्ाश्वैवाष्यकेसिनी ।
रोमझपेपु कोम्रेरे त्वच्न वागीश्ररी तथा ॥३३॥
दोनो हार्थो्ग दुष्डिनी और में गुर्नोमि सस्यिका रक्षा करे। प्रकेश्ररी स्ोंयी
रहा करे ! बुफ्रेश्यरी दुशि ( पेट ) में रहकर रक्षा करे || २८॥
महादेगी दोनों ख्नोंकी भौर शोकविनारिनी देवौ सनकी रप्ता करे |
अप्तिठा दैगी हरर्यम और ध्ूज़बारिणौ ठदुस्म रइफर रफ्ता करे ॥ ९९ |!
नामित कप्रमनी और गुझ्ममायकी गुप्लेशरौ रा करे | पूठन्य और कामिका
डिम्नद्यी सौर मह्िपषाहिनी गुदात्रौ रपा करे ॥ १ ॥ मरगवती क्टिमा
और फिन्म्पपासिनी शुस्नोंकी रप्ा करे। सम्पूर्ण कामना मो देन्लान्त मद्धाबब्स
देवी दोनों पिश्किस्धेक रझा बरे॥ ३१॥ नारतिएं दोनों पुष्धिगोफी मौर
हैक देवी दोनो 'रणोंके प्य्ममामकी रक्षा करे । औदेवी पैसे सहुकियो्मि
और तकदानिनी पैरीके शलुमोंमे रएर रक्षा करे ॥ १२॥ अपनी दाडड्ि
कारण भर्गकर (िखानों देनेवार्ये दहुशकरगपी दबी नलतोंद्री सौर ऊर्बंकेशिनी
देवी केक रप्ता करे । रोमाबब्िशोंक्रि जि्रोंसे कौरेरे सौर त्यपातरौ
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