दादावाड़ी - दिग्दर्शन | Dadavadi-digdarshan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ह्१्‌ प्रस्तुत पुस्तक दादावाड़ी-दिग्दशेन के प्रकाक्षन द्वारा इसे झोर ध्यान देकर उक्त ध्येय की जो पूर्ति की है, निस्सन्देह वह ममाज के लिये अधिक उपयोगी एवं लाभप्रद सिद्ध होगी 1 श्रीयुत सेठियाजी को घमेनिष्ठ, क्रियाशील'एवं उत्साह- पूर्ण कर्तव्यपरायण व्यक्ति के रूप में प्राय: सभी जानते ही हैं। श्राप जिस कार्य को अपने हाथो में लेते है, उसकी पूर्ण सम्पन्नता पर ही भ्रपनी सफलता मानते हैं । इस अवस्था में ,मी इतना उत्साह इतनी कमेठता प्रायः कम देखने में झाती है। वास्तव में 'दादावाड़ी दिग्दर्शन, का प्रकाशन आपही के प्रष्यवसाय यूत्ति एवं. उत्साहमयी प्रेरणा का' सुपरिणाम है, अन्यया एक ही स्थान पर वेठकर सेंकड़ों व्यक्तियों से केवल पत्रव्यवह्र कर सम्पूर्ण भारत के विविध स्थानों की जानकारी प्राप्त कर लेना सहज सम्भव नहीं था । प्रस्तुत पुस्तक दादावाड़ीदिग्दशन में श्रकारानुक्रमणिका से मद: मारत के समस्त प्रान्तों तथा प्रान्तीय नगरों एवं ग्रामों का यथोपलब्ध विवरण देते हुए दादावाड़ियों के साथ ही उनमें विराजमाव अथवा प्रतिष्ठित गुद्प्रतिमाश्रों, ग्रुरु- चरणों तथा इसी प्रकार क अन्य खरतरगच्छ के श्राचार्यों से म्रम्बन्धित विपयीं का दिग्दगन कराने का यथाणवय प्रयास डिसा गया है, जिससे प्रत्येक पाठक यह जान सके कि कहाँ पर दादावाहियाँ सथा किस फिस स्थान पर गुह चरण आ्रादि हैं? इसके अतिरिक्त जिस जिस स्थान के सेस उपलब्ध हुए हैं,




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