तय तो यही हुआ था | Tay To Yahi Hua Tha

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Tay To Yahi Hua Tha by शरद बिलौरे - Sharad Bilaure

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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गुजरना पड़ा है अंगार को या बीज, अंकुर, पत्ते या तने वाली तासीर नहीं होती अंगार की अंगार से हथेलियाँ जल जाती रह 'हथेलियाँ ही नहीं खेत, खलिहान, घर, गाँव सब कुछ भस्म हो जाते हैं । पर छोटे को अंगार के इतिहास से कोई दिलचस्पी नहीं डसे मतलब है घॉँस-पूस के जल जाने से आखिरकार बरसात होने ओर नई घास उगने से पहले खलिहान की सफाई बहुत जरूरी होती है जिसकी पुरी जिम्मेदारी छोटे पर है। तय तो यहो हुआ था | २४




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