असोपा अभिनन्दन ग्रन्थ | Asopa Abhinandan Granth
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
20 MB
कुल पष्ठ :
487
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सोवन-चरित | [६]
माफ २
दादा गग्ादासजी ने ज्योतिष शाख के अनुसार फलादेश कहा
और वह यथाथे मिला | ये समाचार वेणीदास ने महाराजा को
अजे किया तो महागज़ा ने इन के गण की परीक्षा करके जोशी
गड्ादासजी को मेहता के कस्त्रे में २० बीघा खेत देने का
हुक्म फरमाया उसकी सनद से १८० के चेत बंद ३ की
उक्त पण्डितजा के पास मोज़ेद हैं
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॥ श्रोपरमेखरजी साप हे ॥|
ठाकुरजी श्रीचत्रभुजजी धामहाराजजी
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मोहर फ्रारतसी
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सत्य श्री मेइता काटायतं अर वेणीदासनी व्यास उरदेनारायणा
जी जोग्य जोधपुर या भेहारी श्रीभवानादासर्जी लिखावतं जुद्ार पगोलागण।
चांचजों अश्रद्यारा समाचार श्री जार तेज प्रताप से भछा है पाहरा
सदा भला चाहिजे तथा महता गा जोशी गेंगादास लोढ़ो उठे आयो तरें
आाछी हमगीरी रा समाचार सांनुं कया जोणीक माफक मिटिया तिणरों
थे हकीकत लिखी थी सु श्री हनुर मालम हुई स् इणनुं भेडता रा क॒प्तवा
रा खत वीघा २५ अखेरे पर्चास दिराबण रो हक्षम हुवा है से २५
वीघा खत श्राद्या मप्राय दीजो सु उटर मंदर टीपण बाचिया करती
ने श्र दरबार ने अआर्सारवाद देसी श्रीहुज॒र रा हुकम दे. संबत् १८५०
रा चत्र वद ३
सनद री नकल उत्तरायने इणन संप दीजो दवायत दोढीदार
खावकरण |# € +ख्चय
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