असोपा अभिनन्दन ग्रन्थ | Asopa Abhinandan Granth

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : असोपा अभिनन्दन ग्रन्थ  - Asopa Abhinandan Granth

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about गोविन्द नारायण शर्मा असोपा - Govind Narayan Sharma

Add Infomation AboutGovind Narayan Sharma

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
सोवन-चरित | [६] माफ २ दादा गग्ादासजी ने ज्योतिष शाख के अनुसार फलादेश कहा और वह यथाथे मिला | ये समाचार वेणीदास ने महाराजा को अजे किया तो महागज़ा ने इन के गण की परीक्षा करके जोशी गड्ादासजी को मेहता के कस्त्रे में २० बीघा खेत देने का हुक्म फरमाया उसकी सनद से १८० के चेत बंद ३ की उक्त पण्डितजा के पास मोज़ेद हैं के कर ज ! पे की नकल -- ॥ श्रोपरमेखरजी साप हे ॥| ठाकुरजी श्रीचत्रभुजजी धामहाराजजी ध्ध्य्य्य्य्ल्च्ञ््न्य्बि मोहर फ्रारतसी ज्ध्च्य्ल्स्ल्क्स्32 सत्य श्री मेइता काटायतं अर वेणीदासनी व्यास उरदेनारायणा जी जोग्य जोधपुर या भेहारी श्रीभवानादासर्जी लिखावतं जुद्ार पगोलागण। चांचजों अश्रद्यारा समाचार श्री जार तेज प्रताप से भछा है पाहरा सदा भला चाहिजे तथा महता गा जोशी गेंगादास लोढ़ो उठे आयो तरें आाछी हमगीरी रा समाचार सांनुं कया जोणीक माफक मिटिया तिणरों थे हकीकत लिखी थी सु श्री हनुर मालम हुई स्‌ इणनुं भेडता रा क॒प्तवा रा खत वीघा २५ अखेरे पर्चास दिराबण रो हक्षम हुवा है से २५ वीघा खत श्राद्या मप्राय दीजो सु उटर मंदर टीपण बाचिया करती ने श्र दरबार ने अआर्सारवाद देसी श्रीहुज॒र रा हुकम दे. संबत्‌ १८५० रा चत्र वद ३ सनद री नकल उत्तरायने इणन संप दीजो दवायत दोढीदार खावकरण |# € +ख्चय




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now