भविष्य मेरी आँखों में | Bhavishya Meri Ankhon Men

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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बोध के पशचात कहीं कोई शार्टकट नहीं जीवन म। केसी भी राह हो, पूरी हाती ह मेहनत मशस्क्रत से ही गुजर कर हर दोर स सभी बाधाए पार करते हुए व्यापक समय ले कर के। बहुत काफ्त होती हे कई बार विलव असह्य हो उठता है तारी हो जाता है अहसास पिछडेपन का। परतु लाचारी महसूतने पर भी कोई विकल्प नहीं होता। इसी तरह चलते रहने, हर हाल म चलने रहने के सिवा। फिर कभी वांध होता ह- पूरी मेहनत स॑ फल पान म ह आनद विशप काइ कसर बाकी नहीं रहती साधना स॑ फल पूरी पात्रता से हासिल होता ह कोई चोर नहीं मन से भविष्य मेरी ऑख़ा मे / 27




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