भविष्य मेरी आँखों में | Bhavishya Meri Ankhon Men

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Bhavishya Meri Ankhon Men by अक्षय गोजा - Axay Goja

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अक्षय गोजा - Axay Goja

Add Infomation AboutAxay Goja

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
बोध के पशचात कहीं कोई शार्टकट नहीं जीवन म। केसी भी राह हो, पूरी हाती ह मेहनत मशस्क्रत से ही गुजर कर हर दोर स सभी बाधाए पार करते हुए व्यापक समय ले कर के। बहुत काफ्त होती हे कई बार विलव असह्य हो उठता है तारी हो जाता है अहसास पिछडेपन का। परतु लाचारी महसूतने पर भी कोई विकल्प नहीं होता। इसी तरह चलते रहने, हर हाल म चलने रहने के सिवा। फिर कभी वांध होता ह- पूरी मेहनत स॑ फल पान म ह आनद विशप काइ कसर बाकी नहीं रहती साधना स॑ फल पूरी पात्रता से हासिल होता ह कोई चोर नहीं मन से भविष्य मेरी ऑख़ा मे / 27




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now