धर्मपुस्तक का नया नियम अर्थात प्रभु यीशु का सुसमाचार | Dharmapustak Ka Naya Niyam Arthat Prabhu Yishu Ka Susamachar

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Dharmapustak Ka Naya Niyam Arthat Prabhu Yishu Ka Susamachar by प्रभु यीशु - Prabhu Yishu

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१६ २०--२० १३ | माता का श्रादर करना, और अपने पडोसी से अपने समान प्रेम रखना। २० उस जवान ने उस से कहा, इन सब को तो मे ने माना है भ्रव मुझ में किस बात की घटी है ? २१ यीशु ने उस से कहा, यदि तू सिद्ध होना चाहता हैँ, तो जा, अपना माल बेच- कर कंगालो को दे, और तुझे स्वर्ग में धन मिलेगा, और आकर मेरे पीछे हो ले। २२ परन्तु वह जवान यह बात सुन उदास होकर चला गया, क्योकि वह बहुत धनी था॥ २३ तब यीणु ने अपने चेलो से कहा, में तुम से सच कहता हू, कि धनवान का स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करना कठिन है २४ फिर तुम से कहता हू, कि परमेश्वर के राज्य में धनवान के प्रवेण करने से ऊट का सुई के नाके में से निकल जाना सहज हैं। २५ यह सुनकर, चेलो ने बहुत चकित होकर कहा, फिर किस का उद्धार हो सकता है? २६ यीशु ने उन की ओर देखकर कहा, मनुष्यों से तो यह नहीं हो सकता, परन्तु परमेब्बर से सब कुछ हो सकता है। २७ इस पर पतरस ने उस से कहा, कि देख, हम तो सव कुछ छोड के तेरे पीछे हो लिए है तो हमें क्या मिलेगा ? २८ यीशु ने उन से कहा, में तुम से सच्-कहता हू, कि नई उत्पत्ति से जब मनुष्य का पुत्र अपनी महिमा के सिहासन पर बेठेगा, तो तुम भी जो मेरे पीछे हो लिए हो, वारह सिहासनों पर बैठकर इस्राएल के बारह गोत्रो का न्याय करोगे। २६ और जिस किसी ने घरो या भाडइयो या वबहिनो या पिता या माता या लटकेवालो या खेतो को मेरे नाम के लिये छोट दिया है, उस को सौ गुना मिलेगा : और वह अनन्त जीवन का श्रधि- कारी होगा। ३० परन्तु बहुतेरे जो पहिले मत्ती न हैं, पिछले होगे, और जो पिछले है, पहिले होंगे॥ ३० . स्वर्ग का राज्य किसी गृहस्थ के समान हूँ, जो सवेरे निकला, कि अपने दाख की बारी में मजदूरों को लगाए। २ और उस ने मजदूरों से एक दीनार ” रोज पर ठहराकर, उन्हें श्रपने दाख की बारी में भेजा। ३ फिर पहन एक दिन चढ़े, निकलकर, और औरो को बाजार में वेकार खड़े देखकर, ४ उन से कहा, तुम भी दाख की वारी में जाद्रो, और जो कुछ ठीक हैं, तुम्हें दूगा, सो वे भी गए। ५ फिर उस ने दूसरे और तीसरे पहर के निकट निकलकर वैसा ही किया। ६ और एक घटा दिन रहे फिर निकल- कर औरो को खटे पाया, और उन से कहा , तुम क्यो यहा दिन भर बेकार खडे रहे ? उन्हों ने उस से कहा, इसलिये कि किसी ने हमे मजदूरी पर नहीं लगाया। ७ उस नें उन से कहा, तुम भी दाख की वारी में जाओ। ८ साक को दाख की बारी के स्वामी ने श्रपने भएडारी से कहा, मजदूरों को वलाकर पिछलो से लेकर पहिलो तक उन्हे मजदूरी दे दे। € सो जब वे आए, जो घटा भर दिन रहे लगाए गए थे, तो उन्हें एक एक दीनार मिला। १० जो पहिले आए, उन्‍्हों ने यह समक्ा, कि हमे आअृधिक मिलेगा, परन्तु उन्हे भी एक ही एक दीनार मिला। ११ जब मिला, तो वे गृहस्थ पर कुडकुझ के कहने लगे। १२ कि इन पिछलों ने एक ही घटा फाम किया, श्र तू ने उन्हें हमारे बराबर कर दिया, जिन्हों ने दिन भर का भार उठाया और धाम सहा ? १३ उस ला का बननरनगाकशानलनन * एक अठन्नी के लगभग था।




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