सूदबुद सब लंगाकी वारता | Sudbud Sab Langaki Varta

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Sudbud Sab Langaki Varta  by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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“प्रथम प्रकाश (९) २५ चंद्रायणों 'दघ कपडीथपथापियाँ लाचण 'ठगीनिसंक ॥कमरलचकीकामणी भँवरबजाइपंस भँवरवजाईपंसमिचीज्योकंचली . ॥ रंभामोंडेअं गअसूंज्योज॑चठी ॥ ठीलीपदमसणनार ॥ यादपिव आइयो॥परिहापव्यौरंगमें बंगक इंद्ररिसाइयो ३६॥। ॥ अँवरोवेठोकंचुवे पांच रखो भरणाय ॥ मुफ्त घरयोपुनिषंध्षें तोहि जातसुवावनजाय ॥ ३७॥ ॥ वात ॥ रंभानिशंकविरतकरेछे ॥ औरलंच ककबांगज्यूंछुठेछे ॥ अपरकंचुवेअसुजियोंकि ॥। पंसभणकारपेंगूंजियौछे ॥ तरेबवरयादआयो ॥ रंभानाचतीढीलीपडी रंगमें अंगपव्यो ॥ जरे इन्दू कोपनेंजठुदताठकरवाई - तरेरंभावाजंत्रौनेंदीदीक हेछे ॥ दोहा ॥ चर्णीगइंधौडीरही ॥ जांगें छिन छिननायं ॥ पातरकरेपखावजीटुकियेकमजुख जाय ॥ ३८ ॥ बातों ॥ रंभावाजंजॉनेंकरेके ॥. हेवाजंतरों. - रातवर्णीतोगढ़े औरथौडी रहदीछे ॥




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