सचित्र महाभारत भाषा टीका | Sachitr Mahabharat Bhasha Tika
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
404
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)छत -ऑिलवुननि ला फता फ ख| विषयानुक्रमणिका ।
अध्याय विषय पृष्ट | अध्याय विपय पृष्ठ
आदि का सम्मति करना। ३०४ ४-३०४६ तत्पर इप ३० ४६ |... भाइयों का परिचः का परिचय |. ३१०१-३१०४
२७, द्वोणाचार्य की सम्मत्ति। ३००७-३०३८ युद्ध करने के लिए अर्जुन की तैयारी ।
२८. भीष्म पितामद्ट की सम्मत्ति1 ३२०४८-३०५२ ३१०४-३१०९
२९, कृपाचाय की सम्मति। ३०७९-३०११
३०, विराट नगर के लिए सुशर्मा जादि की युद्ध
४६. अजजुन की तैयागे और द्वोणाचार्य का कौरवों
पे दोनेवाले अप्तगुनें का वर्णन करना ।
यात्रा | ३००४-३ ०५७ ३१०९-३१ १३
३१. युद्ध के लिए राजा विश की तैयारी 1 ४७. दुर्योधन का उत्तर और युद्ध का नि३चय ।
! ३०७५७-३०६१ ३११३-३१ १८
३२. सुशर्मा और राजा विराट का युद्ध । ४८. कण की डाकति। अजुन को मारने की इच्छा।
३०६१-३०६५ ३११८-३१२०
३३, विशट का द्वारा, छुटकाराए और फिर सुशर्मी | ४९. कृपाचार्य की सम्तत्ति । ३१२१-३१२५
का परास्त होना | ३०६७-३०७२ | ५०. अख्व॒त्थामा के चचन । ३१२४-३१२७
३४, विराटकृत पाण्डवोंका सम्मान ३०७९-३०७४
३७. कौरवों का मत्स्यशाज की राजधानी में पहुंच
कर गायें छीन ले जाना । ३०७४-३०७७
३६. उत्तर कुमार जीर द्रीपदी की बातचीत ।
७१. पितामह सीप्म की सम्मति। ३११७-३१३०
७२. वितामद मीष्म की सम्मत्ति। ३१३०३१३३
७३. कौरव दल पर अर्जुन का आक्रमण ।
, ३१३३-३१३६
३०७७-३०८० | ५४. कर्ण का हारकर युद्धूक्षेत्र से गागना |
३७, राजकुमारी उत्तरा और बृदन्नला का संवाद । ३१३६-३१४१
अं ८9 १ १ से अर्जुन का अन्य वीरों के साथ युद्ध करने
३८. उत्तर का भयभीत होना और अ्ुन को जागो ३१४१-३१४८
ढाढ़ध्ष बधाना ।_ ३०८४-३०९० | ६६. युद्धू ते पहले । ३१8४८ ११४५७
३५०, कौरवों का अजुन के सम्बन्ध में बातचीत ५७. कृपाचनि और जर्जुनका युद्ध३१५१-३ १५७५
करना । ३०९०-३०९३ है जुनक्ना युद्ध -'
५८. द्रोणाचार्य और अजुन का युद्ध ।
३१५७५-३१६९४
४०. अर्जुन का उत्तर से हमीवृक्ष पर चढ़कर
अख्न-शख्त्र उतारने के लिए कहना ।
३०९३-३०९४ ७५०, जवव॒त्थामा से अर्जुनका युद्ध२१६४-३११६६
४१. उत्तर का वृक्ष पर चढ़कर शर्तों फो देखना। | कर्णे का द्वारकर मागना | ३१६७-३१७०
३०९४-३०९५ | **- दुष्शासन आदि योद्धाओं का द्वारना ।
४२. उत्तर का अल्ों के बोर में पूछना । ३१७०-३१७६
३०९६-३० ९८ | ६२- सब मद्दारधियों का मिखकर अजुन से युद्ध
४३. अजुन का दिया हुआ अस्त्रों का परिचय । करना | ३१७६-३११७८
३०९८-३१०० | 5३. सब महारथियों का अजुन से द्वारकर भागना।
४४. अर्जुन का दिया हुआ अपना और अपने ह ३१७९-३१८०
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