चुने हुए राष्ट्रीय गीत | Chune Hue Rashtriy Geet
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
254
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)राष्ट्रीय गीत / २५
हरो-भरी फसलें बल पत्ती है मेरे सेतों भे,
नहरें अठसेली करती है राजस्थानी रेतो में।
वबाध उगलते विजली लोहे को भी गला रहे हैं,
शक्ति अभी छोटी है उगली पकड़े चला रहे हैं ।
उस्नति की पहली सीढी पर पहला कदम पड़ा हैं,
प्रजात॒व वो कोस रही है फिर सामती वाणी ।
आज हिमालय ने मागो है भारत से कुर्बारी ।
9 राममनोहर प्रिपाठी
User Reviews
No Reviews | Add Yours...