षट्खंडागम बन्ध - स्वामित्व - विचय | Shat Khandagam Bandh Swamitv Vichay
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
410
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शुद्धि पत्र ७
आम न विषय पृष्ठ ऋमन विषय सुछठ
२०६ सातावेदनीयके ब्रन्धस्वामित्य २०८ आहारक जीवोस ओघके
की चल्लुद्शनी जीवोके समान समान बन्धस्वामित़की
प्ररूषणा ३८७ प्ररूपणा डेष०
_२०७ असज्ञी जीवॉमे अभव्योके २०९ अनाह्वारक जीवोर्म क्रामेण
समान यन्धस्वामित्वकी काययोगियोंके समान यन््ध
अरूपणा क्र स्वामित्वकी प्ररूपणा ३९१
/ शुद्धि.
“पत्र
4 न
पृष्ठ प सशुद्ध शुद्ध
< १८ किस गुणस्थान 'तक किस गुणस्थानसे किस गुणस्थान तक
६ ४ उदयसो उबएसी
१३४ ७ थोच्छिजादि चोचिउज्जदि
शे५७प.. ६ बज्सति बज्झति
#. ११ चंधमाणाणि। चघमाणाणि
». १२९ बधघति बघधति
# २५-२६ दश प्रझृतियां तथा द्शनावरणकी दर अक्ृतियों तथा दशीनावरणकी चार ही
स्वोदयसे है चधती हैं, प्रकृतियोंकी बांधनेतले सब भुणस्थान
स्वोदयसे ही बांध॑ते हैं,
१६६ ६८ पुच्छण पडिवण्ण। पुच्छाण पड़िवण्ण बुच्चदे ।
» देरे ये तीन अर्ष प्राप्त होते हैं। इन तीन प्रश्नोंका उत्तर कहते हैं ।
१८ ८ इथि द्त्धि
ह. रहै शशुम, प्रांच अशुभ पांच
#. २9. विद्वायोगति स्थावर बविद्वायोगति तथा स्पावर
भे४ ८ दुबावीसा डुबावीसा
रण २० हें हे
४२ ७ उदयवोच्छेदो उदयवोच्छेदादो
शेण ५ कदि गदिया कद्विंगदिया
डेट दे जुचे | बुच्चदे
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