रचना - चन्द्रोदय | Hindi Rachana-chandrodaya

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Hindi Rachana-chandrodaya by आचार्य रामलोचनशरण - Acharya shreeramlochsharnamm

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रवेशिका पत्र और प्रबन्ध कविलिलाकितिणा परििए 55885 800 ,ॉशि5 [ 99568 00 पीट पुएट5द005 04 211 पट 10 (01प्टाडाएाड | संकलयिता--श्री दिनेशवरलाल “आनन्द विश्वविद्यालयों की प्रवेशिका परीक्षा में आये लेखों और पत्रों के प्रश्नों के आधार पर यद्द मन्थ लिखा गया है । आचाये श्रीरामलोचन- शरण जी के सम्पादन के कारण यह ग्रन्थ भ्रपना बहुत ही ऊंचा स्थान रखता है। हिन्दी में इससे सुन्दर लेख मन्थ अभी तक नहीं निकला था । सुप्रसिद्ध दैनिक पत्र 'प्रदीप” की सम्मति पढ़िये-- “इस बड़ी-सी मोटी पुस्तक में १३३ निबंध और २६ पत्र हैं। उच्च विद्यालय ( हाई स्कूल ) के छात्र-छात्राओं को हिन्दी के एक पत्र में लेख और पत्र के लिये अनिवाये रूप से प्रश्न आते हैं । इस पुस्तक में विषयों का निर्वाचन इतना उपयुक्त है कि बहुत कम प्रश्न इसके दायरे के बाहर जायेंगे । वणानात्मक, कलात्मक तथा भावात्मक लेखों के चयन में बत्तेमान विचारधाराओं का ख्याल रक्‍्खा गया है । श्राजकल जिन विषयों पर चर्चाएँ चलती हैं, उनमें से एक भी नहीं छूटा है । सहकारी खेती, संयुक्त राष्ट्र संघ, अधिक अन्न उपजाओ, हड़ताल, परमाणु बम, सर्वोदय, भूदान-यज्ञ, हिन्दू, कोड बिल, पंचवर्षीय योजना, सामूहिक विकास योजना, शरणार्थी समस्या, बिहार में जातीयता और गुटबंदी श्रादि ज्वलन्त प्रश्नों पर तथ्यपू्ण संक्षिप्त लेख लिखकर संकलयिता ने छात्रों को अनेक मंकररों से बचा दिया है । हि पत्र तो सिफ॑ २४ हैं पर इतने में ही पत्र के सभी प्रकार आ जाते हैं ।?? पूष्ठ सैख्यान- ५०२ मूल्य, केवलल-३ 0) फििमिलिसिमातिकपाशपतस्वाकारपदतनधकिादला/परपाकाइन्टफरिकासचराम्फाएदमालालगवतदकसकादमलाहनम्यार दा उमम्मदह-काफबनताहम तपलरधूझातजपा पाकर सारसफयापगपसपसयफालप्फा पल गया परपपएपएटपएसएएएपएसएसएएपएसपएपयय गे भर पे




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