खामोशी के रंग | Khamoshi Ke Rang

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Book Image : खामोशी के रंग  - Khamoshi Ke Rang

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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हथेलियां जिन्दगी की जब-जव भी आत्माहत्या और जीवित मृत्यु के नीले पृष्ठ खुलते है मेरे सामने जिन्दगी ने ह॒थेलियों के सख्त कपाड जड़ दिए है मेरी आखों पर और मुझे बहुत भीतर उतरकर बांचनी पड़ी है एक पोथी जिसका अर्थ हुआ है हिलकती हुई फसल बोलता हुआ भोंपू राशन और करासन के लिए घरघराते आदमकद मशीन के पुर्जो में से बाहर आया हूं जब हथेलियों के कपाट खुल गए है तमाम नीले पृष्ठों पर सुर्ख हरूफ विखरे होते है । खामोशी के रंग / 25




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