संस्कृत - पाठ - माला भाग - 8 | Sanskrit - Path - Mala Bhag - 8

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Sanskrit - Path - Mala Bhag - 8  by श्रीपाद दामोदर सातवळेकर - Shripad Damodar Satwalekar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(३०) द्ाच्द ! करनेवाला घ ह| उत्तम करनेवाला /स्तोतू ८ स्तुति करनेवाला | सठ -- भरण करनेवाला धातू ८ धारण करनेवाला निर्मातू+निमाण करनेवार / पिचातू # »७ 95 + हर >5 भन्ुष्य वफक्‍्तू - घोलनेब्राछा +श्रातू 5 भाई क्षत्त ८ सारथी +जामात ८ दामाद ४ त्वष्ट 5 तखोण देद् देवर - [+इन झब्दोंके पितृ! शब्दके समान रूप दोते हैं। 1 इन शब्दोंके रूप बनाकर पाठक पूततवत्‌ वाक्य घनानेका यत्न कर । संस्कृत-वाक्यानि । १ अस्प पिम्वस्प कः कर्ता अस्ति ? २ जगत्खष्टार अर पूजयामिं। मे स्तोता इदानीं कि चदत्ति ! ४ घात्ा इद पिश्दे रचितस्‌ । ५ अस्प पिश्वस्थ ईश्थरः+ एव दविघाता आअस्ति | ६ त्तव जामाता कुच गतः ? » भापा-वाक्य । १ इस विश्वका करता कौन है? २ जमत्सष्टाक्षोी में पूजा करता हूं । ६ स्तुति करनेवाला अब क्या घोलता है ४ घाताने यद विश्व रचा है। ५ इस पिश्वका ईश्वर ही विधाता है १४६ तेरा दामाद कहें गया है १




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