तात्काल भृगुप्रश्न भाषा अर्थात प्रश्न कल्प वृक्ष | Tatkal Bhriguprashna Bhasha Arthat Prashna Kalp Vriksha
श्रेणी : संदर्भ पुस्तक / Reference book
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
164
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हरदेव का तात्कालिक प्रझन २३ ॥
२३.दहेप्रच्छक अब क्या: फेक्रकर हा तुम्द
खशखबरी हानेवालाड 2-इसोगढ़ अब
रखरहीअवध्ह तदेभावश्शा म्नो थ पणह |
गेपरन्तएफ फिक्र भार्गीदखेंड़े ऊपरसे
खचअबहेपासचनविशेपनहीं दी खता
परंताबिंतामतकरनाकामबडाइज्जनके |
साथबनेगाओरकइजगहसछाभ शोगा
करनवालछाओ हे वही फक्रकर रह है अंब
विशपलाभक।सूरतह।गा ।मन्रमाचत्त
बहुतरहनाहिब. भो चित्तसेप्या रकर है अब
तुमशोधइमसका+कीसिद्वब' हे।तो श्री
गेगाजी के ५त्राह्मण॒क्षिग्खाड
ओरसई चावलददी दान करो का मशी घ
फंयडोगाओं रय॒ुप्त छा मद गा धरम चा द
ना होगाएककाम गुप्तसे गृततन किस
बनाथा सोइंश्वरका ध्यान रक्खे करो
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