धर्मशास्त्रीयव्यवस्थासंग्रह | Dharmshastriy Vyavastha Sangrah
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
13 MB
कुल पष्ठ :
829
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)च्यवस्था-पत्र संख्या-४ ११
सन्तानेर कुरशीनांमा एक केता दाखिल करिषेन! । दंप्टे आइक।*
तदपरे उभयेर उकिलेरों ऐ कुरशीनामार सत्यतार उपर स्वीकार
करिवेक इति। ए सकददमार सम्रस्त कागचेर अजुमोदने जाना
गेल्न ये रप्पाडण्ट मुहृद एए.. एजद्वारे सहर 'अजिमावादेर मंध्ये
जियाताम्युल महल्था साकिमेर' शुलु चौधुरि पितामहेर ओ पितार
स्वोपार्नित मालामाल मिलक्रियंत ओ सकररि आम सकल
ओ शोना ओ छूपार अलझूार ओ ओ काँचा पाका बाटी संकल
ओ ओगादि पढी' ओ शतरछ्ली ओ गालिचा विछाना भो
पितलियां हाडी आदि बासन ओ पोपाकी कापड ओ दोशाला
आदि वस्त्र सकल ये मिलकियत मकररि ग्राम सकल ओ ओगादि
पाठार उपर स्वत्व शो वाटी सकल ओर अलक्कार ओ शतरज्ी
ओ गालिचा श्रादिर किम्मत एकुने आन्दाजि मवलग 6००२
टाका निचेर लिखित माफिक्त दृइबेक राखिया फसली १२९३
सालेर आश्विन मासे मुर्दईके ओ आपन अ्रातुप्पुत्र जगुके
उत्तराधिकारिं राखिया मरिलेक, ओ पृठ्यांधिकारि मरणैर पर
आपन पृद्योधिकारिर त्यक्त घनेर उपर दखिल आओ भोगी हुइल ।
वाह्ार' पर आमार भ्रावा जयु फसली १२१६ सालेर १० माघ
मासे केबल आमाके उत्तराधि( कारी ) राखिआ मरिल।!
एड क्षणे ऐ जगु(र) ल्री मसम्मात दिपु व्यक्त धनेर डपर दखिल
हुइया दुसु नाम जगुर भागिनेयक्रे आपन सालिक मक्तार
जानिया समस्त धन, चख्र ओ श्राम आदिर उपस्व॒त्यथ भोग कराइते
छे, ओ आमाके, जो उत्तराधिकारि घटी, बेदेखल करे इति।
जगु बावुर स्रिदीपु ओ ऐ जगु वांवुर भागिनेय दसुलालेर उपर _
१, करिलेन--इति साधीयान् पाठः की हे
२, साढिनेर इति साधीयान् पाठ: ।
2, भोगाद कुठी 1 छः
४ “ओगाशिपाटी! इत्यपि पढठितु रागयते। ६
३ ताद्यार तांदार-रति ब्यप्र० 1
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