रामायण | Ramayan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Ramayan by खेमराज श्री कृष्णदास - Khemraj Shri Krishnadas

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about खेमराज श्री कृष्णदास - Khemraj Shri Krishnadas

Add Infomation AboutKhemraj Shri Krishnadas

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
भमिका, (२३ “यथाई राघवादन्यं मनसापि न चिन्तये । तथा में माधवी देवी विवर दातुमहसि ॥ १ ॥ मनसा कमेणा वाचा यथा राम समचये । तथा में माषवी देवी विवर दातुमहोति ॥ ३ | यथेतत्‌ सत्यमुक्ते मे वेधि रामात्‌ पर नच । , तथा में मायवी देवी विवर दातुमहोसि ॥ ३३ अर्थांव-/जो मैंने रामके अतिरिक्त मनसेमी ओर किसका विन्तवन नहीं किया, तो हे देवि पथ्वी ! तुम विदीण होकर मुझे स्थानदान दो । जो मेंने काय, मनो, वाक्यसे केवडठ रामकीही अचेनाकीहै, तो हे देवि ! मझे स्थानदान दो । जो में सत्य सत्यही कहतीह कि,-में रामके अतिरिक्त ओर किसीको नहीं जानती तो हे पृथ्वी ! मुझे स्थानदान दो । हाय! इतना कष्ट-इसनी येत्रणा-इतनी छांछना-औओर इतना अपमान भोगकरके जिस स्रीने पृतिकों त्यागकरना, रूठ जाना तो क्‍या परुषवाक्यतक कहनेकी इच्छा नहीं की, उसकी उपमा, उसका दृशन्त, उसका गोरव, क्या किसी लोकमें मिलसकताह ! सीताका ऐसा कष्टपाना, ओर ऐसा व्यवहार सहना देखकर भारत वासियोंने सीताजीका नाम ख्ियोंमेंसे उठा दियाहे । जोहो, रामायण साधारणके निकटमें सत्झृत ओर परिचित होनेपरभी संस्कृत भाषाके कारण सर्वेसाधारणोंकी समझमें नहीं आती “ इस देशमें भीगोस्वामी तुलसीदासजीकी रामायण भाषाछन्दोमें विरचितहे, सब छोटे बड़े उसीको पृठकर आनंदम मश्न रहतेहें । इसकारण हम गु्मांई तुछसीदासजीके कृतज्ञ और ऋणीहे'” वाल्मीकीयरामायण सम्पूर्ण भाषामें न देखकर इसका सरक देशभाषां् टीका कियाहे, जिन्होंने भाषामें थोडाभी अभ्याप्त कियाहै, वही इसको पाठकर अपना मनवांछित फूल प्राप्त करसकते हैं। विरोषतः मृढ श्छोकसे कोईभी बात इसमें नहीं छोडीगई, किन्तु जहांकहां संस्कृतर्टक्राकारने कुछ विशेष लिखाहे वहां इसमेंभी अधिक टिप्पणी करदी गई है, यह सब परिश्रम आप- कु कि को रामभक्त बनानेके निमित्तह, यदि शाख्रपर विश्वासह तो रघुनाथर्जीकों परबन्न ह् जानकर इससे आप अर्थ धर्म काम मोक्ष चारों पदार्थ पासकते हैं, यदि ओर कुछ भावना हो तो आप उनके आचरणही ग्रहणकीजिये; उसीसे धर्मार्थकी श्राप




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now