समय से पहले | Samay Se Pahale

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Samay Se Pahale by श्री हर्ष - Shri Harsh

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about श्री हर्ष - Shri Harsh

Add Infomation AboutShri Harsh

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
दौड़ता-भादमी कुद्दासा पसर कर बहुत मोटी परतों में जम गया है तमाम बोरसियों के कोयले फजला गये हैं क्लेबल गरम-छाई से उठता महीन घुआं ! ताप--जिसको खोजने दौड़ता जा रहा आदमी बेतहादा भोढ़कर चादर बरफ की इृष्टियों की भोट बिखरी घमनियों में रक्त-क्रम ठहराव न पकड़े नुकीले पत्थरों की रगड़ से सींचता--परोंचे || सुनततान-विपावान जद्डलों में दौड़ती भाग के ढुकड़े बटोर कजलाये कोयले कोच बीरतप्ियां तेज करता बेतद्वाशा दौड़ता--जा रहा--आादमी ! श्र




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now