ब्रह्मा पुराण खंड पहला | The Brahma Puranam Khand-1
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
653
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)॥ श्री गणेशाय नमः ॥
पुराण विद्या
भानवीय जिज्ञासा की उत्कद पिपासा को गवेपणा हारा
शान्त किया जाता है। गवेपणा का आधघार है प्राचीन साहित्य,
प्राचीन निर्माण तथा पुरातत्व सफल जिन्नासा से देश एवं जाति
की प्रायः सब समस्याओं का सुछम और उपयोगी समाधान हो
ज्यवा है। यवेप्रणा से ही बेदादि सच्छालर वथा कालोप्योगी
वैज्ञानिक खिद्धियाँ प्रकाशित और व्यवह्नत हुई हैं| प्रखर क्रान्ति-
कारी जीवन का उद्गम गवेषणा है, तस्वानुसन्धान,
तत्वविनिमय एवं तत्व विश्लेषण से कितनी गूढ और वरूचती
कार्योपयोगी शक्तियों का आदान-प्रदान व्यवहार में जा रहा है
यह सथ गबेपणा का द्वी फछ है।
भारतीय गवेपणा के स्रोत पुराण ग्रन्थ हैं 1 चेदोंमें आशध्या-
ौ्मिक, आधिडेपिक और आधिमोतिक, देव, माठुपी, आसुरी
तथा चैतन्य प॒व॑ जड सब ध्रकार की गवेषणा का सूद्टमरूप से
विधान है। ब्राह्मण भाय और आरण्य भाग में विशेषतः आधि-
दैबिक एवं अधियन्न की गयेपणा प्रघानतया दिखाई देती है।
धुराणों में सर प्रकार की थीद्धिक, व्यावहारिक, नैतिक, एवं
सांस्कृतिक गयेपणाओं को इतिदाल और कथानक के स्वरूप में
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