गीत दशक एक | Geet Dashak Ek
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
522 KB
कुल पष्ठ :
80
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)गीत - पाँच
बालू के पथ में जोड लिया
रजनीगधा वाला रिश्ता
चॉदनी झील में उतर गई
दूधिया हुआ जल का दर्पन 1
खामोश रात के हाथों ने
खुशबू लिख डाली लहरों पर
हो गीत गई लय में कविता
बाँसुरी आ गई अधरों पर
रोें में डूबी नीस्वता
हो गया मुखर दृग का निर्जन ।
अम्बर की उजली राहों से
सपने शीशे के घर आये
ज्यों चाँदी के गुलदानों में
आवारा फूल जगह पाये
रसधार में बोरी अँजुरी
भर दिया हवाओं ने कम्पन ।
छवि के भूगोल पढे लोचन,
स॒रभित हरियाली के तन में
आखिर ऐसा मौसम आया
मन बहक गया चन्दन वन में
मिल गया प्रयाग प्रतीक्षा का
फिर महक गया प्यासा यौवन ।
गात टशक /१५
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