अन्तर्वेदना | Antarvedana
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
538 KB
कुल पष्ठ :
104
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)महानाविक के प्रति!&ः#+-
अब तो फेवल आशा तेरी ।
इड़ी-फूटी नौका स्वामी ! पड़ी भर्वेंर में मेरी
उमड़, घुमड़ कर यादर गरजें, आँधी चले धनेरी।
उठे भयझ्लर, चपल तरऊ्नें, ऊपर निशा अधेरी
सूमे आर-न-पार, चहूँ दिशि डोलत नैय्या मेरी ।
हा ! तिस पर मतबाला नाविक, में चिन्ताओं घेरी
विहल होकर नाथ पुकारूँ--क्यों की अब लग देरी २
अब तो फेचल आशा तेरी |
ड्डे
User Reviews
No Reviews | Add Yours...