संस्कृत पाठ माला भाग ७ | Sanskrith Paath Mala Vol X I I

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Sanskrith Paath Mala Vol X I I by दामोदर सातवलेकर - Damodar Satavlekar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( १५ ) पुरुष जिसके ( ऐसा ग्राम )। २ संचितजर्ल - संचितं जल यस्मिन्‌ -- इकहा किया है जल जिसमें ( ऐसा पात्र ) । ३ बहुजन! ८ बहब; जना; यस्मिन्‌ । 5 बहुत हैं लोग जिक्में ( ऐसा नगर ) । ये “द्विपद-बहुत्रीहि ” के उदाहरण हैं । बहुत्रीहमें विलक्षणता यह है कि जो पद उस समासमें रहते हैं उनसे भिन्नही अन्य पदाथका बोध उन शब्दोंस होता है । > ४ पीतांगर) शब्द हे ८ ( पीते अबरं यघध्य ) ( पीते ) पीला है ( अबरं ) बख्र जिसका वह पुरुष ( कृष्ण, विष्णु आदि )पीतांबर शब्दसे बाधित होता है। यह विशेषता पाठक स्मरण रखें ओर पूर्वोक्त समासोंको पहचाननका यत्न कर | संधि किये हुए वाक्य । नरेरतुपसेवितान्फलपुष्पेश्नावनतानू.._ बिल्वान-- भल्वातकान्पद्य । सूनमत्र वर्य शक्ष्यामाजीवितृप्‌ । एप काोकिलः कूजाति । शिखी ते पग्रतिकूजति । पश्येमं रम्यं चित्रकूट यस्य काननेषु रंस्थामहे | इति | रम्य चित्रकूटमासाद्य तत्र. वाल्मीकममिवाद्योपविधविशु) |




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