अगले जनम मोहे बिटिया न कीजो | Agale Janam Mohe Bitiya N Kijo

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Agale Janam Mohe Bitiya N Kijo  by सुरूर अहमद - Surur Ahamad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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1, सदऊ-आरा वेगम 2. मिस रफ्के-कमर 3. कुमारी चतवाला लहरी कं हते। हतो जी हों, मैं वर्मा बोत रहा हूँ। अछ्याह, आदाव अर्ज़। मिकजै- आली अरे सब, आप कहाँ ये ? दिल्ती से कव आए ? आपने हमारा कसर्ट मिस कर दिया। जी हाँ, वहुत शानदार रहा। एक मिनिस्टर ने उद्घाटन किया। खूब तसवीरें सिर्ची, जबरदस्त पब्लिसिटी रही और हाउसफुल। जी? जी नहीं, मिर्फ़ लाइट म्यूजिक । हमारी आर्टिस्ट लोग गजल और मीत की एक्सपर्ट हैं। प्रेस ने दहुत उम्दा रिव्यू किए। इस वक्त? भई, माफ फरमाइएगा। आज ममल की शाम है। वालिदासाहिवा को एक कीर्तन में ले जाना है। आय तो तगरीफ न लाइए। हम इसी वक्त नरहीं ज्य रहे हैं। अपने मकान पर॒ सी हां, दहुत-बहुत शुक्रिया। आपकी दुआओ का तालिद हूँ। अगन्े इतदर को. बहुत खूब। आदाव अर्ज। वर्मासाहव ने फोन का रिसीवर रखकर एक गहरी साँस भरी । आकर दीवान पर गिर गए और फरमाया, “माँएँ ही आड़े वक्‍त पर काम आती हैं।” “अर्मों, क्यो इतना सफेद झूठ बोलते हो ! दोनों वक्त मिल रहे हैं। कहने लगे, झतिदामाहिदा को कीर्तन मे ले जाना है, फरहाद ने चटाई पर तेटे-लेटे कहा। “कौन पा ?*९ “एक महादोर । प्रोग्राम की कामयाबी की दाद देने आ रहे थे और हमने टाल दिया। भरे भाई सदफ़-आरा_” वर्मासाहव ने आवाज दी। “सदफ-आरा किचन में कचालू दना रही हैं,” रश्के-कमर ने कहा। वह कुर्सी पर बैठी एक रिसाले की वरकगरदानी कर रही थी। “सदफ-आरदा ने आज तुम लोगों के लिए वढिया खाना बनाया है*, वर्मासाहव बोले। “बहुत भली लड़की है,” कमरून ने कहा। वर्मासाहव जोश मे आकर उठ बैठे । “तुम तीनों बहुत भल्ली लडकियाँ हो. सुनो श्के-कमर, हमने एक और स्कीम बनाई है।” “अल्लाह सैर करे।” | इच्छुक । अगले जनम मोहे बिटिया न॑ वीजो / 23 ्ा




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