णमोकार मंत्र और आत्म विकास की सीढ़ियाँ | Namokar Mantra Aur Aatm Vikas Ki sidhiyan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
572 KB
कुल पष्ठ :
46
श्रेणी :
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No Information available about पं. सरनाराम जैन - Saran Ram Jain
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)झपनी बात-- कि
आ० भा० 'द्क जैन शाह परिवर्ट/का ३७ वो पुष्प आपकी सेव
से प्रस्तुत करते हुए परम हुप का अनुभव वर रहा हैं। ' एमोकार मंत्र
का श्रर्य सर्व साधारण भल्ी भाति जान सते इसकी मार बशाद
मुझ से की जाती थी, उसी ईंप्टिको ध्यांत में रखकर यह्द पुस्त*
तैयार की गई है । इससे पाठक कितना लाभ उठाते हैं यह ता समः
दी वताबैश । पर, में [यहूः,अवर्शियु जनितो हैँ कि लेन शिर
संस्थाओं के छात्रा की 'यविक क्वाभ इस पुलक से हशा ।
आत्म' विकास किस प्रकार दाता है और बद कौन-२ सी सीढिर
हैं जिन से यद्दू आत्मा परमात्मा बनकर अनत सुस्त का स्वामी द्वोत
है. बह इस पुस्तक मं प्राठकों को बराषर मिलेगा ) यदि शात चि
से धर विवेक से इस का अ्रध्ययन किया गया तो सद्दभ द्वी इम अपर
भूल इसके स्वाध्याय से मिटा सकत ई ।
मैं, अपने परम स्तेद्दी विद्वान थी प० सरमाराम जी सैंन ५।
झआभारी हैं जिद्दांनि यह पुस्तक तैयार करके दी है । दि जैन शाह्नि |
परिषद् अपने प्रकाशतों सें अब नया मोड़ लेने जा रहो ४। उसके '
लिये त्रिचार चिमश द्वो रद्ा है। उसके निर्णय के श्रमुसार उन््च कोटि
येप्रध समाज की सेवा म॑ पहुँच सकेंगे । जिससे माबी पोड़ी अपने
जीवन को भम्माल सर्6 और वतेमान पीडी के सामन जो द्द है
& उसे भक्षी भाति संसककर सुधार सके 1
आशा है दानी बधु शालि परिपद्श्को द्वान देकर श्रकाशन ये
कार्य को आगे यहाबगे ॥ +
बढौत ,(मेर०) बाबूलाल जा जमावार
दिनाक श-३-६८ ३० से० मंत्री झ०मानदिण्जैन शारिवि परिषद्
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rakesh jain
at 2020-11-25 09:47:44