रेत में वृन्दावन | Ret Men Vrindavan

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Ret Men Vrindavan by रजनी कुलश्रेष्ठ - Rajani Kulashreshth

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सहचरी तुम्हीं ने मुझे प्रपने प्रतीक बिम्वों से तादात्म्य कर कभी भनन्‍्याय प्रतिरोधी कभी सिद्धान्तवादी कभी ग्रत्तम खी भोर कभी बहिम्‌ु खी बनाया है । झपने दर्दे के सागर और श्राँसुप्रों के सेलाब को छुपा सबकी सतरंगी खुशियों के लिए समर्पिता होना सिखाया है तुम्हारे गहंनतम रहस्यों को तुम्हारी मधुरिमा और उपदेशों को जानकर भो कौन जान सका है धो, मेरी प्रकृति सहचरी ।




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