आदिब्रह्मापुराण भाषा | Aadi Brahmpuran Bhasha
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
44 MB
कुल पष्ठ :
686
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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बजीका बित्राह् बेन ॥
“दि देंवतों करके शिवजी की सलति वन ॥
३० | पा- गी और शिव करके हिमयान का परित्याग वझन ॥
३८५ | दक्षक़ों यज्ञ का विध्वस बणन ॥
३८ | दह्षफा सहदछनामसें स्तृति करना ॥
४० | गज्म्रजछेत्र का माहात्म्य बणुन ॥
४१ | उत्कनचेत्र का वर्णन ॥
४२ | अपन्तिझापरी बणेन ॥
४३ | क्षेत्रदर्भन वन ॥
४४ । पत्र ज्वत्तान्नों का बगेन ॥
४४ | पनः च्षेत्रशन वणेन ॥
४६ 1६ इन्दृद्यम्न राजा के प्रासाद करणका बणन॥
४७ | क्ारुप्यलव वर्णन ॥
४८ | इन्दूद्युग्न रानाका भगवानकी साथा थे भगवान॒का दर्शनवर्ण न ॥
४६ | च्वेंठ शुक्त ट्वादशों मे भगवाज्े दर्शनका माहात्म्व वर्णन ॥
४० | मभाकडेय दर्शन ज्णेन ॥
१ मज्डय जल ग्रमग दधणुन ॥
सापेडयजा विष्ण के उदर में परिवत्तेन बणन ॥
४3३ | माकडेय करके भगवानस्तत् वर्णन ॥
3४ , माकडेयका भगत दर्शन ब्णन ॥ _'
५१ | कृष्ण चलडेव और सुभद्रा के दर्शन का फल वर्णन ॥
४६ | नारासंह भादत्न्य बेन ॥
४० | घ्वेनमाघव माहइत्म्य बरणेन ॥ हर
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४८ | अमुृद्र म्नान विधि बणन ॥
- ६ | एलाबिधि वणेन ॥ ;
६० | समुद्रस्नान माहान्म्य बर्णन ॥
घर पच्रताय साचात्म्य बणन ॥ ्
६२ | भद्ठाच्येष्टो प्रशंसा वर्णन ॥ ह
६३ | हणास्नान माहात्म्य बन ४
६४ | गुडिचाक्षेत्र माहात्म्य बणेन ॥
६1 यात्रा फल माहत्म्य वबणन ॥
दर्द विण्लोक का कात्तेन ॥
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