उसकी माँ | Uski Maa
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
442 KB
कुल पष्ठ :
74
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)क्या होगा ! उदास होने से
रोने से--बीते हुए कल पर
सोचती है वह
प्रश्न तो आज का है
आज जो नहीं है गौरवमय
अभय, निदेन्द्र ! हल्का-फूल्का !
आकाश में तैरते बादलों की तरह।
रक्त सने जूतों से
चल सकता है कोई कितनी दूर ?
रुक भी तो नहीं सकता -- एक किनारे
पल-भर जलती हुई आँखों को मूंद ?
फुर्सेत कहाँ--
बहाने को आँसू दो बूंद
भीड़--बेतहा शा -“ लाचार--अंधी भीड़
कभी-कभो होती खूंखार
अपनी सुरक्षा के लिए करती अंधे वार
कहाँ कौन गिरा
किसके टुकड़े-टुकड़े कब बिखर गये
भूखी सड़कों पर ।
बड़े इतमीनान से
देखे कोई सयाना तो ***
कहाँ हैं सयाने लोग ?
एक-एक कर स्थाहपोश हो गये
किलों कंदराओं में
पथरीली दीवारों के पार
कोई खजाना है खबरों का
लेती है जहाँ स अबवार
एक सच ! झूठ कई हजार
नफरत--नफरत और नहर
फंलती टिट्डीदत को तरह
चाटती इन्सानियवकाईईरे सा. .> ०
सन
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