नये आदमी का जन्म | Naye Aadami Ka Janma
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
106
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
जीवन परिचय
नाम : विनोद शाही
वर्तमान संपर्क : ए-563 , पालम विहार , गुरूग्राम -122017
मो: 09814658098 ई मेल: [email protected]
शिक्षा : एम ए हिंदी एवं अंग्रेज़ी , पीएच-डी
व्यवसाय : प्राचार्य / एसोसिएट प्रोफेसर ( सेवा निवृत्त ) :2008-12
जी जी एस राजकीय महाविद्यालय, जंडियाला ( पंजाब )
स्नातकोत्तर शिक्षण अनुभव: 25 वर्ष
डी ए वी कालेज जालंधर : 2 वर्ष ( 1978-1980 )
राजकीय महाविद्यालय होशियारपुर : 23 वर्ष ( 1986-2008 )
जन्म : जनवरी 1,1955 चरखी दादरी
सम्मान: रामविलास शर्मा आलोचना सम्मान , इलाहाबाद - 2010
राजस्थान राष्ट्रभाषा प्रचार समिति
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मैं तुम से ही नहीं |
तुझ से असहयोग करने की अपनी कोशिश से भी
बाहर भाना चाहता हूं
जदगी को ओढ़ कर जीने की वजह से
कभी मुर्दा तो कभी जिंदा हो जाने के
दुष्चक्र की हमेशा के लिए तोड़ना चाहता हूं
मगर इस से और भी घिरता चला जाता हूं ।
यह कोई उपाय तो नहीं
फिर भी मन !
मैं तेरे अक्वहयोग से असहयोग करता हूँ । £)
प्रा होने की ललक
पता नही कैसे
चेहरे के न जाने क्रिस कोने में प्रंसी
किसी तरखान को आंखों में
बची दिखाई देती है
किसी हरे भरे पेड़ से कोई सार्थक बात करने की हसरत ६
और किसी नाई के जीवन भे
जगती है उम्मीद ऐसे समय करी
कि गदिश जिसकी
ज्ञाड़ न पाती हो / पेड़ों और लोगों के सिर के बाल +
पता नहीं कंब कहां से आज जाता हट
वह गुमनाम-सा लम्हा
जब अभ्ावों की तमाम सरददियों के बीच
अचानक दिखाई देने लगते हैँ
एक झेलेदाले की / पहियो को रेलपेल की वजह से
घरडक-घड़क उठते नजदीक के पेड़ा
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