आराधना सूत्र - संग्रह | Aaradhana Sutr - Sangrah
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
584 KB
कुल पष्ठ :
101
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( रे३े )
आपयरिश | धम्मविरुद्धममुद्ध , साय गरिद्यामि
ते पाय ॥५४॥
मन बचन और काया से करने परान और
अनुमोदने हाश आचरित क्पि हुए धर्म से 'परुद
और अशुद्ध जो पाप, उसी में गुरु साक्षि से
नि करता हू ॥ ५४॥
अदद सो दुषडगरिहा--दलिउसद
दुसस्डो फुड भणइ। सुफ्डाशुरायसमुइन्न-
पुन्नपुलयइुरक्रालो ॥५शा
अब हुएइर्त्या की शिंदा से हे कर दिये हैं
उतर ( मड्ानु ) दुष्ट्रण (पाप कमें) मिसने और
सुझत्या वा जो प्रेभभाय उससे विकस््पर हुई
है पत्रिए रोभराती मिसकी ऐसा जोय नीले सपा
स्पष्ट बद्वा टे॥ श्श 1
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