लंका | Lanka
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6.61 MB
कुल पष्ठ :
244
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)के ४
.. सिंहासनारूढ़ कर सकता था। प्रायः १४०१ ई० में चोलराज
अनुराधपुर, लंका की राजधानी
यस्यास्वुधि: स भगवान् स च रोहणा द्रिः ,
केाशाबिमो मदन-मंत्र-पदैवंचोशिः |
सेाध्यं प्रिया यदि इसन् खदु सिंइलेन्द: ,
की डानिधानमजुराधपुरं घचिनोति ॥
( राजशेखर: ))
कविराज राजशेखरने ( ठ८०-६२० ई० ) अपने बाल-
*... रामायणमें इन पंक्तियोंकी उस समय लिखा था, जिस समय
झतुराधपुरका अन्तिम समय बिलकुल समीप था; तो भी उसमें
अभी इतनी शक्ति थी कि उसका राजा द्वितीय सेन ( ८६ दी
6०१ ई० ) पाण्ड्य (मदुरा)-नरेशके गद्दीसे उतार, दूसरके
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