लंका | Lanka

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Lanka by राहुल सांकृत्यायन - Rahul Sankrityayan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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के ४ .. सिंहासनारूढ़ कर सकता था। प्रायः १४०१ ई० में चोलराज अनुराधपुर, लंका की राजधानी यस्यास्वुधि: स भगवान्‌ स च रोहणा द्रिः , केाशाबिमो मदन-मंत्र-पदैवंचोशिः | सेाध्यं प्रिया यदि इसन्‌ खदु सिंइलेन्द: , की डानिधानमजुराधपुरं घचिनोति ॥ ( राजशेखर: )) कविराज राजशेखरने ( ठ८०-६२० ई० ) अपने बाल- *... रामायणमें इन पंक्तियोंकी उस समय लिखा था, जिस समय झतुराधपुरका अन्तिम समय बिलकुल समीप था; तो भी उसमें अभी इतनी शक्ति थी कि उसका राजा द्वितीय सेन ( ८६ दी 6०१ ई० ) पाण्ड्य (मदुरा)-नरेशके गद्दीसे उतार, दूसरके ँ नि के हि ः ही से , ः कक नगय «५, ५०४ के सिम ५... ति «०, ता के [५ ४ अ. ही दर | नर के की शक तट...




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