राई - देवसि - प्रतिक्रमण | Rai-devsi-pratikraman

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Rai-devsi-pratikraman by श्री लालश्री जी महाराज - Shri Lalashri Ji Maharaj

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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रा] विषय आुवन देवता की स्तुति बर-कनवक सूत्र चुहदू-अतिचार कमल दल-र्तुति भुबन देवता-स्तुति क्षेत्र देबता-स्तुति ' पृच्चक्लाण सूत्र पोरिसी साड्ठपोरिसी-पच्चक्खाण पुरिसड॒ठ-अवड्ठ-पच्चक्खाण एकासणु-विआसणु-पच्चक्खाण एगलठाएु-पच्चक्खाशु आयबिल्न-पच्चक्खाश निव्विगइय-पच्च क्खाण चउव्विहाहर-डपदास-पचकखारा तिविहाहार-डउपवास-पच्चक्खाण दृतक्ति-पच्चक्खाश दिवस चरिस-चजव्विहहार पच्चक्खाश दिवस चरिप्त-दुविहाहार-पच्चक्खाश पाण॒हार-चच्चक्खाण भव चरिस-पच्चक्खाण देसावगासिय-पच्चक्खाण पच्चक्खाणु-आगार-संख्या अथ सप्त स्मरणानि अजित-शान्ति स्तवन विधियाँ अभात कांतीन सामायिक की विधि पृष्ठ १६१ १६२ १६३ श्ष्प श्ज्र १७६ श्पर्‌ श्ज३े श्पछे १८६ १८६ १८७ श्पण श्प्ण श्पध्‌ श्ज&६ १६० १६० १६० १६० १६१ श्ध्धू २१३




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