पनघट रहा उदास | Panaghat Raha Udas

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Panaghat Raha Udas by शिव कुमार - SHIV KUMAR

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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रहा उदास सात गम आंसू और हुँसो मेरे दोस्त । यह मेरी नजरो का भ्रम है, या सत्य है कि में खडा हूं ककाल की तरह ओर सारी दुनिया घूम रही है चलती गाडी ये पहिये की तरह । मेरे मीत | यह मेरी दिल की कमजोरी है या झूठ है ग दूसरे का गम देखकर जब भी मे रोता हैं सारी दुनिया मुझ पर हँसती है




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